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Jagannath Puri Rath Yatra : कब से शुरू हो रही है जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा, जानें इसका 10 दिनों का पूरा कार्यक्रम 

Jagannath Puri Rath Yatra : हर साल ओडिशा के पुरी में धूमधाम से स्वामी जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है. इस साल ये रथ यात्रा कब शुरू हो रही है और 10 दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में किस दिन क्या होगा आइए जानते हैं.

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Inna Khosla
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Jagannath Puri Rath Yatra( Photo Credit : News Nation)

Jagannath Puri Rath Yatra : जगन्नाथ रथयात्रा  हिंदू धर्म का एक  प्रमुख त्योहार है जो  हर साल आषाढ़ मास की  शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. यह त्योहार भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई भगवान बलभद्र और  उनकी छोटी बहन देवी सुभद्रा की पुरी, ओडिशा में उनके घर के मंदिर से लगभग तीन किलोमीटर दूर गुंडिचा मंदिर तक की यात्रा का जश्न मनाता है. यह त्योहार भगवान जगन्नाथ के दर्शन का अवसर प्रदान करता है, जिन्हें भगवान कृष्ण का रूप माना जाता है. मान्यता है कि रथयात्रा के दौरान भगवान के दर्शन करने से पापों का नाश होता है और मन शुद्ध होता है. इस त्योहार को मनाने से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है. जगन्नाथ रथयात्रा भारत की समृद्ध संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है. यूनेस्को ने जगन्नाथ रथयात्रा को असांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता दी है. वैसे जगन्नाथ रथयात्रा को रथ महोत्सव और गुंडिचा यात्रा के नाम से भी जाना जाता है.

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जगन्नाथ रथ यात्रा कार्यक्रम

जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को शुरू होती है, और इस साल यह तिथि 7 जुलाई को पड़ रही है. रथ यात्रा 10 दिनों तक चलती है. इस बार 16 जुलाई 2024 को इसका समापन होगा. रथ यात्रा का कार्यक्रम क्या है, किस दिन क्या-क्या किया जाएगा.

7 जुलाई: रथ यात्रा का शुभारंभ. भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को रथों में विराजमान कराया जाएगा और वे सिंहद्वार से निकलकर गुंडिचा मंदिर की ओर प्रस्थान करेंगे.

8-15 जुलाई: रथ गुंडिचा मंदिर में रहेंगे. इस दौरान भक्तों का दर्शन होगा.

16 जुलाई: रथ वापसी यात्रा. भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा सिंहद्वार से होते हुए वापस जगन्नाथ मंदिर लौटेंगे.

भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए इन 10 दिनों के उत्सव को धूमधाम से मनाया जाता है. मान्यता है कि रथयात्रा के दौरान भगवान के दर्शन करने से पापों का नाश होता है और मन शुद्ध होता है. इस त्योहार को मनाने से भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है. जगन्नाथ रथयात्रा भारत की समृद्ध संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है.

यह भी पढ़ें: Jagannath Rath Yatra: भगवान जगन्नाथ के 16 पहियों वाले रथयात्रा की अद्भुत कहानी

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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Source : News Nation Bureau

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