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Ashadh Amavasya Kab Hai: 4 या 5 जुलाई, कब है आषाढ़ अमावस्या, जानें पूजा का सही तरीका और शुभ मुहूर्त 

Ashadh Amavasya 2024: हिंदू धर्म में आषाढ़ अमावस्या का दिन कुछ विशेष उपायों और पूजा पाठ के लिए बेहद खास माना जाता है. साल 2024 में आषाढ़ अमावस्या कब है और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है आइए जानते हैं.

Updated on: 28 Jun 2024, 12:12 PM

नई दिल्ली:

Ashadh Amavasya Kab Hai: हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष का पांचवां महीना आषाढ़ होता है और इस महीने में आने वाली अमावस्या को आषाढ़ अमावस्या कहते हैं. इस साल 2024 में, आषाढ़ अमावस्या 5 जुलाई को रविवार के दिन पड़ रही है. इसे पितरों को तर्पण करने के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन पितृगण पृथ्वी पर आते हैं और अपने परिजनों से भेंट करते हैं. अमावस्या के दिन स्नान करना और दान करना भी बहुत पुण्यकारी माना जाता है. कुछ लोग आषाढ़ अमावस्या का व्रत भी रखते हैं. इस दिन शिव पूजा, विष्णु पूजा, हनुमान पूजा, गायत्री मंत्र का जाप और पीपल वृक्ष की पूजा करना भी शुभ माना जाता है.

आषाढ़ अमावस्या  की  तिथि  और  मुहूर्त (When is Ashadh Amavasya 2024)

तिथि 5 जुलाई 2024 (रविवार)

अमावस्या तिथि प्रारंभ 4 जुलाई 2024 (शनिवार) शाम 6:28 बजे से

अमावस्या तिथि समाप्त 5 जुलाई 2024 (रविवार) शाम 7:07 बजे तक

सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. इसके बाद आप पूजा स्थान को साफ कर उस पर गंगाजल छिड़कें, एक दीया जलाएं और धूप जलाएं. अब आप भगवान गणेश और माता पार्वती की पूजा करें. इसके बाद पितरों की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें और उनकी पूजा करें. पितरों को भोजन का भोग लगाएं और उनके नाम का जल तर्पण करें. अंत में आरती उतारें और दक्षिणा वितरित करें.

मान्यता गै कि जो भी जातक आषाढ़ अमावस्या के दिन गंगा स्नान करता है उसके सब पाप धुल जाते हैं. दान करने से पुण्य लाभ होता है और पितरों को तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. अगर आप अमावस्या का व्रत रखते हैं तो इससे मन शांत होता है और ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है. अगर आपको पितृ दोष है तो इस दिन पितरों के लिए विशेष पूजा करें और उनकी तृप्ति के लिए उपाय करें.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)