Devshayani Ekadashi 2024: देवशयनी एकादशी, जिसे आषाढ़ शुक्ल एकादशी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म के चार महीने के पवित्र चातुर्मास की शुरुआत का प्रतीक है. यह माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु क्षीर सागर में शेषनाग पर शयन करते हैं. इस वर्ष देवशयनी एकादशी 17 जुलाई 2024 (रविवार) को मनाई जाएगी. देवशयनी एकादशी भगवान विष्णु की पूजा और आराधना के लिए महत्वपूर्ण दिन माना जाता है. इस दिन लोग व्रत रखते हैं, भजन गाते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं. चातुर्मास आध्यात्मिक विकास और आत्म-अनुशासन का समय माना जाता है. देवशयनी एकादशी इस अवधि की शुरुआत का प्रतीक है, और लोग इस दिन से व्रत, पूजा, ध्यान और योग जैसे धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेना शुरू करते हैं. ऐसा माना जाता है कि देवशयनी एकादशी के व्रत से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है.
देवशयनी एकादशी 2024 के शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि 17 जुलाई 2024 (रविवार), शाम 08:33 बजे से प्रारंभ होगी और 18 जुलाई 2024 (सोमवार), शाम 09:02 बजे इस तिथि का समापन होगा.
निर्जला व्रत: 18 जुलाई 2024 (सोमवार)
पारण का समय: 19 जुलाई 2024 (मंगलवार), सूर्योदय के बाद से प्रातः 8:25 बजे तक
देवशयनी एकादशी 2024 में बन रहे शुभ योग
सर्वार्थ सिद्धि योग: यह योग 17 जुलाई 2024 (रविवार) को सुबह 07:05 बजे से शुरू होकर 18 जुलाई 2024 (सोमवार) को सुबह 06:13 बजे तक रहेगा. यह योग सभी कार्यों में सफलता प्राप्ति के लिए शुभ माना जाता है.
अमृत सिद्धि योग: यह योग 18 जुलाई 2024 (सोमवार) को सुबह 06:13 बजे से शुरू होकर शाम 08:25 बजे तक रहेगा. यह योग भी सभी कार्यों में सफलता और समृद्धि प्राप्ति के लिए शुभ माना जाता है.
अभिजित मुहूर्त: यह मुहूर्त 18 जुलाई 2024 (सोमवार) को दोपहर 12:06 बजे से 12:55 बजे तक रहेगा. यह मुहूर्त किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए उत्तम माना जाता है.
विष्कुंभ राशि का चंद्र: 17 जुलाई 2024 (रविवार) को सूर्यास्त के बाद चंद्रमा विष्कुंभ राशि में प्रवेश करेगा. चंद्रमा का यह स्थान भी देवशयनी एकादशी के लिए शुभ माना जाता है.
देवशयनी एकादशी व्रत के नियम
एकादशी तिथि के दिन सूर्योदय से पहले उठें और स्नान करें. स्वच्छ वस्त्र पहनें और भगवान विष्णु की पूजा करें. एकादशी तिथि के दिन दस प्रकार के अन्न का सेवन न करें. व्रत के दौरान फलाहार, दूध, दही और साबूदाना का सेवन किया जा सकता है. निर्जला व्रत रखने वाले लोग जल ग्रहण कर सकते हैं. व्रत के दौरान दान-पुण्य करना शुभ माना जाता है. दूसरे दिन सूर्योदय के बाद व्रत का पारण करें.
देवशयनी एकादशी हिंदू धर्म के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है. यह आध्यात्मिक विकास और आत्म-अनुशासन का समय है. आप इस वर्ष देवशयनी एकादशी का व्रत रखने की योजना बना रहे हैं, तो उपरोक्त नियमों और मुहूर्तों का पालन करना सुनिश्चित करें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau