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When is Durga Ashtami: कल है दुर्गा अष्टमी, जानें कन्या पूजन का समय और सही तरीका

When is Durga Ashtami: इस साल दुर्गा पूजा की तिथि को लेकर कंफ्यूजन बना हुआ है, जिसे हम दूर कर रहे हैं. इस बार 10 अक्टूबर को या फिर 11 अक्टूबर को कब दुर्गा अष्टमी मनायी जाएगी आइए जानते हैं.

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Inna Khosla
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When is Durga Ashtami

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When is Durga Ashtami: दुर्गा अष्टमी हिंदू धर्म में नवरात्रि के आठवें दिन होती है,जिसे महाष्टमी भी कहा जाता है. इस दिन देवी दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा होती है. महागौरी को शक्ति, शांति, और सौभाग्य की देवी के रूप में पूजा जाता है. दुर्गा अष्टमी के दिन मां दुर्गा के भक्त उपवास रखते हैं, विशेष पूजा-अर्चना करते हैं और मां से अपने जीवन में सुख-समृद्धि और शांति की प्रार्थना करते हैं. इस दिन लोग सुबह जल्दी उठकर स्नान करते हैं और मंदिरों में जाते हैं. दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं. इस दिन हवन का भी विशेष महत्व होता है जो नकारात्मक ऊर्जा का नाश करता है और वातावरण को शुद्ध करता है. दुर्गा अष्टमी के दिन कन्या पूजन एक प्रमुख अनुष्ठान है. इसे 'कंजक पूजन' के नाम से भी जाना जाता है. इसमें छोटी कन्याओं को देवी के नौ रूपों के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है. उन्हें आमंत्रित कर उनके चरण धोए जाते हैं और फिर उन्हें भोजन करवाकर उपहार दिए जाते हैं. यह पूजा कन्याओं के रूप में शक्ति और पवित्रता की आराधना का प्रतीक है.

दुर्गा अष्टमी कब है? 

इस साल अष्टमी तिथि अक्टूबर 10, 2024 को 12:31 पी एम बजे से प्रारंभ हो रही है और अक्टूबर 11 को 12:06 पी एम बजे तक रहेगी. पंचांग की गणना के अनुसार दुर्गा अष्टमी (Durga Ashtami Kab Hai) शुक्रवार, अक्टूबर 11, 2024 को ही मनायी जाएगी. 

दुर्गा अष्टमी के दिन का चौघड़िया

चर - सामान्य 06:20 ए एम से 07:47 ए एम

लाभ - उन्नति  07:47 ए एम से 09:14 ए एम 

अमृत - सर्वोत्तम 09:14 ए एम से 10:41 ए एमवार वेला 

काल - हानि 10:41 ए एम से 12:08 पी एम काल वेला (Rahu Kalam) इस समय कन्या पूजन न करें 

शुभ - उत्तम 12:08 पी एम से 01:34 पी एम 

रोग - अमंगल 01:34 पी एम से 03:01 पी एम इस समय कन्या पूजन न करें

उद्वेग - अशुभ 03:01 पी एम से 04:28 पी एम इस समय कन्या पूजन न करें

चर - सामान्य 04:28 पी एम से 05:55 पी एम

कन्या पूजन विधि

लाभ, अमृत और शुभ सबसे उत्तम मुहूर्त है. अगर आप कन्या पूजन कर रहे हैं तो इस समय करना आपके लिए लाभकारी रहेगा. ऐसी मान्यता है कि कन्याओं को प्रसन्न करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और भक्तों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. पूजा में कन्याओं को सबसे पहले आमंत्रित किया जाता है फिर उनके चरण धोए जाते हैं और उन्हें लाल चुनरी ओढ़ाई जाती है. इसके बाद उन्हें स्वादिष्ट भोजन परोसा जाता है जिसमें विशेष रूप से हलवा, पूरी और चने होते हैं. अंत में उन्हें उपहार पैसे या वस्त्र देकर विदा किया जाता है. 

ऐसा माना जाता है कि कन्या पूजन से भक्तों को देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और उनके जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है. दुर्गा अष्टमी और कन्या पूजन के माध्यम से भक्त मां दुर्गा की असीम शक्ति का अनुभव करते हैं और जीवन में उनकी कृपा से आगे बढ़ते हैं. यह दिन भक्ति, श्रद्धा, और आत्मिक शुद्धि का प्रतीक है, जो न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामाजिक रूप से भी महत्वपूर्ण है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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