Kajari Teej 2024 Date: भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को कजरी तीज मनायी जाती है. सुहागन महिलाएं इस दिन तैयार होकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं. मान्यता है कि जो भी विवाहिता इस दिन मां पार्वती की पूजा करती है उसे सुखी वैवाहिक जीवन का सुख प्राप्त होता है. संतान प्राप्ति और पति की लंबी उम्र के लिए इस दिन खान पूजा की जाती है. कजरी तीज का त्योहार मानसून के मौसम में आता है. कजरी तीज की उत्पत्ति के बारे में कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं. एक कथा के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी. उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अपना वरदान दिया.
कजरी तीज 2024 कब हैं ?
भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि इस साल 21 अगस्त 2024 को शाम 5 बजकर 6 मिनट से आरंभ होगी जो अगले दिन 22 अगस्त को दोपहर 1 बजकर 46 मिनट तक रहेगी. उदयातिथि के अनुसार, कजरी तीज 22 अगस्त को मनायी जाएगी.
कजरी तीज कैसे मनाई जाती है?
कजरी तीज के दिन या एक दिन पहले महिलाएं अपने हाथों में मेहंदी लगाती हैं और फिर सुबह उठकर व्रत की तैयारी करती हैं. महिलाएं इस दिन निराहार रहती हैं और भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं. ढोलक, मंजीरे आदि वाद्ययंत्र बजाती हैं और पारंपरिक गीत गाती हैं. खूब सजती-संवरती हैं और नए कपड़े पहनती हैं. फिर एक साथ मिलकर महिलाएं झूला झूलती हैं और मज़े करती हैं.
आज भी कजरी तीज को भारत के कई हिस्सों में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. हालांकि, बदलते समय के साथ कुछ रीति-रिवाजों में बदलाव भी आया है. लेकिन कजरी तीज का महत्व आज भी उतना ही है जितना पहले था. यह त्योहार महिलाओं को एक साथ आने और एक-दूसरे के साथ समय बिताने का मौका देता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)