Yashoda Jayanti 2024: मां यशोदा जयंती हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो माता यशोदा, भगवान श्रीकृष्ण की माता, के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाता है. यह त्योहार हर साल फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. माता यशोदा मातृत्व का प्रतीक हैं. उन्होंने भगवान कृष्ण का पालन-पोषण किया और उन्हें प्यार और स्नेह दिया. उनकी मातृत्व भावना और त्याग सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है. माता यशोदा भगवान कृष्ण से अत्यंत प्रेम करती थीं. उन्होंने अपने जीवन को भगवान कृष्ण की देखभाल में समर्पित कर दिया. उनका प्रेम और समर्पण सभी भक्तों के लिए अनुकरणीय है. इस दिन भक्त माता यशोदा की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. माता यशोदा को संतान प्राप्ति, सुख-समृद्धि और भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त करने के लिए पूजा जाता है. यशोदा जयंती एक धार्मिक उत्सव है जो भगवान कृष्ण और माता यशोदा के जीवन और शिक्षाओं को याद करने का अवसर प्रदान करता है. यह त्योहार हमें मातृत्व, प्रेम, भक्ति और त्याग जैसे मूल्यों का महत्व सिखाता है.
कब है यशोदा जयंती
इस वर्ष 2024 में, मां यशोदा जयंती 1 मार्च, शुक्रवार को मनाई जाएगी.
मां यशोदा जयंती का महत्व:
मातृत्व का प्रतीक: यह त्योहार माता यशोदा के मातृत्व और भगवान श्रीकृष्ण के प्रति उनके प्रेम का प्रतीक है.
भक्ति और आशीर्वाद: इस दिन भक्त माता यशोदा की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.
धार्मिक उत्सव: कई मंदिरों में विशेष पूजा और उत्सव आयोजित किए जाते हैं.
मां यशोदा जयंती की पूजा विधि:
स्नान और व्रत: इस दिन भक्त स्नान करके व्रत रखते हैं.
पूजा सामग्री: पूजा के लिए मां यशोदा की मूर्ति, फल, फूल, मिठाई, दीपक, धूप, और अगरबत्ती की आवश्यकता होती है.
पूजा विधि:
मां यशोदा की मूर्ति को स्थापित करें. दीपक जलाएं और धूप और अगरबत्ती लगाएं. फल, फूल, और मिठाई चढ़ाएं. मां यशोदा की आरती करें. भगवान श्रीकृष्ण की भी पूजा करें.
मां यशोदा जयंती का उत्सव:
मंदिरों में उत्सव: कई मंदिरों में विशेष पूजा और उत्सव आयोजित किए जाते हैं.
भजन और कीर्तन: भक्त मां यशोदा और भगवान श्रीकृष्ण के भजन और कीर्तन करते हैं.
भंडारा: कई जगहों पर भंडारा आयोजित किया जाता है, जिसमें सभी को भोजन कराया जाता है.
मां यशोदा जयंती का त्योहार भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है. यह दिन माता यशोदा के मातृत्व और भगवान श्रीकृष्ण के प्रति उनके प्रेम का प्रतीक है.
मथुरा और वृंदावन में इस त्योहार को विशेष रूप से धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन कई भक्त मां यशोदा के मंदिरों में जाते हैं और उनकी पूजा करते हैं. कई लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं और भगवान श्रीकृष्ण और माता यशोदा की भक्ति करते हैं. यह त्योहार हमें माता यशोदा के मातृत्व और भगवान श्रीकृष्ण के प्रति उनके प्रेम से प्रेरणा लेने का अवसर प्रदान करता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau