Pongal 2024: पोंगल का अर्थ होता है "उबालना" या "फूलना", जिससे समझा जाता है कि यह त्योहार समृद्धि और उन्नति का प्रतीक है. पोंगल, भारतीय राज्य तमिलनाडु का एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है. जो साल के पहले महीने में मनाया जाता है. यह एक प्रकार का हार्वेस्ट फेस्टिवल है.इसका धार्मिक महत्व है. पोंगल एक धन्यवादी त्योहार है जो भूमि और उसके दाताओं के प्रति कृतज्ञता का अभिवादन करता है. यह एक समृद्धि और कृषि से जुड़ा हुआ त्योहार है. पोंगल में भूमि की पूजा होती है, जिससे उससे अच्छी फसलें और समृद्धि की प्राप्ति होती है. इस त्योहार में किसान अपनी मेहनत का फल भगवान को अर्पित करता है.पोंगल का आयोजन मुख्य रूप से सूर्य देवता की पूजा के रूप में भी किया जाता है. सूर्य देवता को समर्पित होने वाला यह त्योहार उसकी कृपा और आशीर्वाद के लिए किया जाता है.इसे मुख्यतौर पर परिवार और समुदाय के साथ मनाया जाता है जो सामाजिक एकता और सद्भाव को बढ़ावा देता है. मान्यता है कि पोंगल के दिन से ही तमिल नववर्ष की शुरुआत हो रही है.
15 जनवरी 2024 से इस साल पोंगल शुरू हो रहा है तो 18 जनवरी 2024 तक धूमधाम से मनाया जाएगा. चार दिनों तक चलने वाले इस फेस्टिवल के किस दिन क्या सेलिब्रेट करते हैं आइए जानते हैं.
भोगी पंडिगई (पहला दिन): 15 जनवरी 2024
यह पहला दिन होता है जिसमें लोग अपने घरों को साफ-सुथरा करते हैं और नए अन्न की खेती के लिए बने कृतज्ञ होते हैं.
घर के पुराने सामान को नए सामानों के साथ बदलने का भी अच्छा समय होता है.
सूर्य पूजा और सुगर केन पंडिगई (दूसरा दिन): 16 जनवरी 2024
इस दिन भगवान सूर्य की पूजा की जाती है, जिसमें लोग सूर्य देवता को धन्यवाद देते हैं.
सुगर केन की पूजा भी होती है, जिससे व्यापार में सफलता और धन की प्राप्ति होती है.
मत्स्य पंडिगई (तीसरा दिन): 17 जनवरी 2024
इस दिन लोग मत्स्य पक्षियों को पालते हैं और उन्हें पूजा करते हैं.
मत्स्य पक्षियों की सुरक्षा और उनकी संरक्षण की प्रार्थना की जाती है.
कानुम पंडिगई (चौथा दिन): 18 जनवरी 2024
यह चौथा और अंतिम दिन होता है जिसमें कानुम पंडिगई मनाई जाती है.
इस दिन लोग अपने घर के बाहर आकाश में विमान बनाते हैं और उन्हें उड़ाने का मौका मिलता है.
यह त्योहार खुशियों और समृद्धि का प्रतीक है और परिवार के साथ मिलकर एक-दूसरे के साथ आनंद का आयोजन करते हैंय
इन चार दिनों तक चलने वाले पोंगल के त्योहार में लोग साझा करने, धन्यवाद अर्पित करने, और समृद्धि का स्वागत करने के लिए एक साथ आते हैं. यह सामूहिक आनंद और सामृद्धिकता का अद्भूत समय होता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
Source : News Nation Bureau