हिंदू धर्मशास्त्रों के अनुसार, भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के 10 अवतार बताए गए हैं. भगवान विष्णु 9 अवतार ले चुके हैं और कलियुग (Kalyug) में उनके कल्कि अवतार (Kalki Avtaar) लेने की बातें कही जाती हैं. शास्त्रों के अनुसार, घोर कलियुग के समय में धर्म, सत्य, पवित्रता, क्षमा, आयु समाप्ति की कगार पर आ जाएंगे. जिसके पास धन होगा, उसी के पास बाहुबल होगा, वहीं कुलीन होगा और सबसे अधिक छल कपट करने वाले को ही लोग सबसे कुशल मानने लगेंगे. कलियुग (वर्तमान युग) में व्याभिचार चरम पर होगा, लोग एक-दूसरे के खून के प्यासे हो जाएंगे, इंसान दूसरे इंसान से जलने लगेगा और अधर्मियों का बोलबाला होगा.
घोर कलियुग में बल से बली को ही लोग बाहुबली मानेंगे. अधर्मी राज करेंगे. तब भीषण अकाल पड़ेगा. लोग भोजन की कमी के चलते पशुओं की तरह पत्तियां खाकर जीवन व्यतीत करेंगे. कलह-क्लेश से युक्त घोर कलियुग में लोगों में केवल असंतोष दिखेगा. बल-बुद्धि, धर्म, पूजा-पाठ का अंत होगा और लोग पाखंड से प्रभावित होने लगेंगे. तब भगवान विष्णु कल्कि के रूप में अवतार लेंगे.
कल्कि अवतार में भगवान विष्णु गुस्से काले पड़ जाएंगे. इनके हाथों में दो तलवारें होंगी और वह किसी ब्राम्हण के घर पैदा होंगे. भगवान कल्कि ऐसे समय पैदा होंगे, जब पृथ्वी पर पाप की पराकाष्ठा होगी. उस समय दुष्टों के संहार करने के लिए भगवान विष्णु कल्कि का अवतार लेंगे. दुष्टों के संहार के बाद कलियुग समाप्त हो जाएगा और एक बार पुन: सतयुग शुरू हो जाएगा.
Source : News Nation Bureau