Narak Chaturdashi Abhyanga Snan: नरक चतुर्दशी तिथि अक्टूबर 30, 2024 को 01:15 पी एम बजे से प्रारंभ हो रही है जो अगले दिन अक्टूबर 31 को दोपहर 03:52 पी एम बजे तक रहेगी. ऐसे में उदयातिथि का स्नान कल सुबह ही किया जाएगा. दीवाली से एक दिन पहले छोटी दीवाली मनायी जाती है, जिसे काली चौदस और नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है. इस दिन मां काली के साथ हनुमान जी की पूजा का भी शास्त्रों में विधान है. ये रात तंत्र साधनाओं और सिद्धियों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है. कहा जाता है कि दीपावली के 5 दिनों के पर्व में चौराह देखकर पार करना चाहिए. इस दौरान कई तरह के टोने टोटके लोग करते हैं. अगर किसी पर ये टोटके असर कर जाएं तो उसे बहुत कष्ट भोगना पड़ता है. हालांकि ये अंधविश्वास हो सकता है, लेकिन भारत आस्था और विश्वास का देश है. इस तरह के दिनों में लोग परहेज करना ही बेहतर समझते हैं.
नरक चतुर्दशी बृहस्पतिवार, अक्टूबर 31, 2024 को मनायी जाएगी. हालांकि कुछ लोग आज भी छोटी दीवाली मना रहे हैं.
अभ्यंग स्नान मुहूर्त - 05:20 ए एम से 06:32 ए एम बजे का है. तो आप इस 1 घंटे 13 मिनट के बीच में स्नान कर लें.
नरक चतुर्दशी के दिन चन्द्रोदय का समय - 05:20 ए एम
चतुर्दशी के दौरान अभ्यंग स्नान की विधि
अभ्यंग स्नान एक प्राचीन भारतीय रीति है जिसमें शरीर पर तेल की मालिश करके स्नान किया जाता है. यह न केवल शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है बल्कि मन को भी शांत करता है. आयुर्वेद में अभ्यंग स्नान को बहुत महत्व दिया गया है.
अभ्यंग स्नान के लिए आवश्यक सामग्री
तेल नारियल का तेल, तिल का तेल, बादाम का तेल, जैतून का तेल आदि का उपयोग किया जा सकता है. आप अपनी त्वचा के प्रकार के अनुसार तेल चुन सकते हैं.
उबटन हल्दी, चंदन, बेसन आदि मिलाकर उबटन बना सकते हैं.
फूल चमेली, गुलाब आदि के फूलों की पंखुड़ियों को पानी में उबालकर उस पानी से स्नान कर सकते हैं.
अभ्यंग स्नान करने का तरीका
स्नान करने से पहले शरीर को गर्म करने के लिए आप हल्की एक्सरसाइज कर सकते हैं या गर्म पानी से नहा सकते हैं. शरीर पर तेल लगाकर हल्के हाथों से मालिश करें. इस दौरान आप अपनी पसंद का कोई भी मंत्र या भजन भी गा सकते हैं. तेल की मालिश के बाद शरीर पर उबटन लगाएं और कुछ देर के लिए छोड़ दें. अब गुनगुने पानी से स्नान करें. स्नान के बाद कुछ देर के लिए ध्यान करें या आराम करें. अभ्यंग स्नान त्वचा को मुलायम, चमकदार और स्वस्थ बनाती है. यह शरीर और मन को शांत करके तनाव को कम करता है. अभ्यंग स्नान रक्त संचार को बेहतर बनाता है जिससे शरीर के अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती है. अभ्यंग स्नान करने से नींद अच्छी आती है. आप दिन में किसी भी समय अभ्यंग स्नान कर सकते हैं. लेकिन सुबह के समय स्नान करने से अधिक लाभ मिलता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)