Gaumata Religious Beliefs: हिंदू संस्कृति में गाय को सबसे पवित्र माना जाता है और गाय को गौ माता भी कहा जाता है. आज भी कई घरों में पहली रोटी गाय के लिए बनाई जाती है. गाय को प्राचीन काल से ही बहुत अधिक महत्त्व दिया जाता है. हिन्दू धर्म में यह मान्यता चली आ रही है कि गौ माता में 33 करोड़ देवी-देवता वास करते हैं. आप लोगों ने भी हिंदू पुराणों की फोटो में गाय को देखा होगा, जिसमें गौमाता के प्रत्येक अंग में भगवान का वास है, ऐसा दर्शाया गया है. मान्यता है कि जो व्यक्ति गाय की सेवा एवं पूजा करता है, उस पर आने वाली सभी प्रकार की विपदा गौमाता हर लेती है और ऐसा भी कहा गया है कि गाय जहां विचरण करती है, उस जगह सांप या बिच्छू नहीं आते हैं. आज जानते हैं कि गौ माता के शरीर के किस अंग में कौन से देवी देवता वास करते हैं. गौ के 11 रुद्र, 8 वसु, 12 आदित्य यज्ञ, रूप प्रजाप्ति मेघरू पी इंद्र जैसे 33 कोटी देवी देवताओं के बराबर माना गया है और इसलिए गौ विश्व की माता भी है.
गौ माता के कौन से अंग में किस देवी देवता का वास है ? (Which Deity Resides in Which Part of Gaumata)
पुराणों के मुताबिक गाय के मुख में चारों वेदों का निवास होता है.
गाय के सींग में भगवान शिव का वास माना जाता है.
गौ माता के पेट में भगवान शिव के बड़े बेटे कार्तिकेय का वास माना जाता है.
गौमाता के मस्तक में ब्रह्मा ललाठ में रुद्र सिंह के आगे वाले भाग में इंद्रदेव और कानों में अश्विनी कुमार का वास होता है.
गौमाता की आंखों में सूर्य और चंद्र एवं दांतों में गरूड़ तथा जीभ में देवी सरस्वती जी का बांस होता है.
गाय के अपान में सारे तीर्थ और मूत्र में गंगा जी तथा दक्षिण पैर के भाग में वरुण और कुबेर और उत्तर के पैर में महाबली यक्ष का वास होता है.
गाय के रोमों में सभी ऋषि गण तथा गाय के खुरों के पिछले भाग में मुख्य के भीतर गंधर्व तथा नासिका के अग्रभाग में सर्द का वास है.
गौमाता के गोबर में देवी लक्ष्मी जी का वास होता है.
गौमाता के स्तनो में समुद्र का वास होता है.
गाय के दूध की बात की जाए तो उसमें स्वर्ण तत्व पाया जाता है, जो रोगों की क्षमता को कम करता है.
गाय के पूंछ में पवन पुत्र हनुमान का बास माना जाता है.
भविष्य पुराण, स्कंद पुराण, ब्रह्मांड पुराण और महाभारत में भी गौ के अंग प्रत्यांग में देवी देवताओं की स्थिति का विस्तृत वर्णन प्राप्त होता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau