Navratri Mantra Jaap: नवरात्रि के किस दिन पर कौन से मंत्र का जाप करना चाहिए, जानें उसका महत्व और लाभ

Navratri Mantra Jaap: आज से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है. पहला दिन मां शैलपुत्री की पूजा के लिए विशेष होता है. शास्त्रों के अनुसार अगर आप इन नौ दिनों में हर दिन के खास मंत्र का जाप करते हैं तो आपकी हर मनोकामना पूर्ण होती है.

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Inna Khosla
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Navratri Mantra Jaap

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Navratri Mantra Jaap: नवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा और साधना का पर्व माना जाता है. नवरात्रि का शाब्दिक अर्थ होता है 'नौ रातें', जिसमें नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है. यह पर्व साल में दो बार मनाया जाता है, चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि. इन नौ दिनों का विशेष महत्व होता है क्योंकि प्रत्येक दिन मां दुर्गा के एक विशेष रूप की आराधना की जाती है.

नवरात्रि के नौ दिन और उनके महत्व

प्रथम दिन: शैलपुत्री देवी की पूजा

नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के शैलपुत्री रूप की पूजा की जाती है, जिन्हे हिमालय की पुत्री भी कहा जाता है. इन्हें शक्ति और साहस का प्रतीक माना जाता है. आप इस दिन अगर माता का नाम लेकर उनके मंत्र का 108 बार जाप करते हैं तो आपके निश्चय ही इससे शुभ फल की प्राप्ति होती है. 

"ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः"

द्वितीय दिन: ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा

नवरात्रि के दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी मां की पूजा की जाती है. ये तप और संयम की देवी हैं और भक्तों को अध्यात्मिक शक्ति प्रदान करती हैं. अगर आप भी जीवन में ये चाहते हैं तो इस मंत्र की एक माला का जाप करें. 

"ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः"

तृतीय दिन: चंद्रघंटा देवी की पूजा

तीसरे दिन नवरात्रि में चंद्रघंटा मां की पूजा की जाती है. इनका रूप अत्यंत सौम्य और शांति का प्रतीक है. यह माता अपने भक्तों को साहस और शांति प्रदान करती हैं. आप भी जीवन में शांति चाहते हैं तो तीसरे नवरात्रि पर उनके मंत्र का जितना हो सके उतना जाप करें. 

"ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः"

चतुर्थ दिन: कूष्माण्डा देवी की पूजा

चौथे दिन कूष्माण्डा माँ की पूजा की जाती है. यह माता ब्रह्मांड की रचयिता मानी जाती हैं और भक्तों को ऊर्जा और शक्ति प्रदान करती हैं.

"ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः"

पंचम दिन: स्कंदमाता देवी की पूजा

पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है, जो भगवान कार्तिकेय की माता हैं. यह माँ अपनी संतानों की सुरक्षा करती हैं और उनके जीवन में सुख-समृद्धि लाती हैं.

"ॐ देवी स्कंदमातायै नमः"

षष्ठम दिन: कात्यायनी देवी की पूजा

छठे दिन कात्यायनी माता की पूजा की जाती है. इन्हें देवी पार्वती का रूप माना जाता है, जिन्होंने महिषासुर का वध किया था. यह शक्ति और साहस की देवी हैं.

"ॐ देवी कात्यायन्यै नमः"

सप्तम दिन: कालरात्रि देवी की पूजा

सातवें दिन कालरात्रि मां की पूजा की जाती है. इनका रूप भयमुक्ति और राक्षसों के विनाश का प्रतीक है. यह मां अपने भक्तों को सभी प्रकार के भय से मुक्ति दिलाती हैं.

"ॐ देवी कालरात्र्यै नमः"

अष्टम दिन: महागौरी देवी की पूजा

आठवें दिन महागौरी मां की पूजा की जाती है. यह माँ पवित्रता, शुद्धता और कल्याण का प्रतीक मानी जाती हैं. इनकी पूजा से जीवन में शांति और सुख मिलता है.

"ॐ देवी महागौर्यै नमः"

नवम दिन: सिद्धिदात्री देवी की पूजा

नवरात्रि के नौवें दिन सिद्धिदात्री मां की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इनकी पूजा से भक्तों को सिद्धियां और आशीर्वाद मिलता है. इनकी पूजा से सभी प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं.

"ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः"

नवरात्रि के मंत्र जाप का महत्व (Importance of Mantra Chanting during Navratri)

मंत्र जाप नवरात्रि के दिनों में एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक क्रिया है. हर दिन मां के एक विशेष रूप की आराधना करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. मंत्र जाप से मानसिक शांति, आत्मविश्वास और आंतरिक शक्ति मिलती है. माना जाता है कि इससे जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने में मदद करती है. इन नौ दिनों में हर दिन उपवास, पूजा, ध्यान और मंत्र जाप के माध्यम से मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की आराधना की जाती है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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