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कौन हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आध्यात्मिक गुरु, जिनके विचारों से वो आज भी होते हैं प्रभावित

PM Modi Spiritual Guru : अगर किसी को जीवन में सही आध्यात्मिक गुरू मिल जाए तो उसे सफलता की सीढ़ियां चढने में समय नहीं लगता. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सफलता के पीछे भी उनके आध्यात्मिक गुरुओं का आशीर्वाद है. उनके आध्यात्मिक गुरू कौन हैं आइए जानते हैं

Updated on: 27 Jun 2024, 10:24 AM

नई दिल्ली:

PM Modi Spiritual Guru : नरेंद्र मोदी का आध्यात्मिक दृष्टिकोण उनके जीवन और राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. उनका आध्यात्मिक दृष्टिकोण भारतीय संस्कृति, परंपराओं, और धर्म की गहरी समझ पर आधारित है.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन में कई गुरुओं और मार्गदर्शकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. उनके आध्यात्मिक और राजनीतिक मार्गदर्शक के रूप में कई लोग जाने जाते हैं. उन्होंने कई बार सार्वजनिक रूप से योग और ध्यान के महत्व पर जोर दिया है. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की पहल की, जिसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्वीकार किया गया और विश्वभर में मनाया जाने लगा. नरेंद्र मोदी भारतीय संस्कृति और परंपराओं को सम्मान देते हैं और उन्हें जीवन का अभिन्न हिस्सा मानते हैं. वे भारतीय त्योहारों, धार्मिक आयोजनों, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं. स्वामी विवेकानंद के विचारों और शिक्षाओं से वो गहराई से प्रभावित हैं. स्वामी विवेकानंद की शिक्षा ने उनके आध्यात्मिक दृष्टिकोण को आकार दिया है, जिसमें सेवा, करुणा, और मानवता के प्रति प्रेम शामिल है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आध्यात्मिक गुरु

नरेंद्र मोदी जी ने स्वामी विवेकानंद के जीवन और विचारों से गहरा प्रभाव लिया है. वे युवावस्था से ही स्वामी विवेकानंद के अनुयायी रहे हैं और उनके आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात किया है. स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं ने मोदी जी को राष्ट्रसेवा और आत्म-निर्भरता की दिशा में प्रेरित किया. नरेंद्र मोदी ने स्वामी विवेकानंद को एक महान संत, विचारक, और प्रेरणास्रोत माना है. उन्होंने अक्सर स्वामी विवेकानंद के संदेशों को अपने भाषणों और लेखों में उद्धृत किया है. उन्होंने स्वामी विवेकानंद के धर्म और अध्यात्म के दृष्टिकोण को महत्वपूर्ण माना है. वे कहते हैं कि स्वामी विवेकानंद ने भारत की महान संस्कृति और सभ्यता को विश्व पटल पर स्थापित किया.  वे मानते हैं कि स्वामी विवेकानंद ने भारत को आत्मनिर्भर और शक्तिशाली बनाने के लिए प्रेरित किया.  उस विचार को समर्थन दिया है जिसमें सभी वर्गों और जातियों के लोगों के प्रति समानता और सामाजिक न्याय का संदेश है. नरेंद्र मोदी ने स्वामी विवेकानंद के वैश्विक दृष्टिकोण और उनके द्वारा विश्व धर्म महासभा में दिए गए भाषण की भी सराहना की है. वे कहते हैं कि स्वामी विवेकानंद ने भारत की सहिष्णुता और सर्वधर्म समभाव की भावना को विश्वभर में प्रचारित किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महात्मा गांधी के आध्यात्मिक और नैतिक सिद्धांतों से भी प्रेरित हैं. स्वच्छता अभियान और खादी के प्रचार-प्रसार के माध्यम से उन्होंने गांधीजी के विचारों को आगे बढ़ाया है. प्रधानमंत्री का आध्यात्मिक दृष्टिकोण उनके नेतृत्व शैली में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है. वे मानते हैं कि सच्चा नेतृत्व वही है जो आध्यात्मिक मूल्यों पर आधारित हो और समाज के हर वर्ग की भलाई के लिए कार्य करे. उनका मानना है कि धर्म और अध्यात्म व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन को समृद्ध करते हैं. वे मानते हैं कि धर्म का सही अर्थ सेवा और समर्पण है, जो समाज की भलाई के लिए आवश्यक है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)