Marigold Flowers: गेंदे के फूल पूजा में इस्तेमाल होते हैं क्योंकि इनको आदर्श माना जाता है और इनका पूरा समर्थन किया जाता है. ये फूल भगवान शिव और भगवती दुर्गा की पूजा में विशेष रूप से उपयोग किए जाते हैं. इन फूलों की सुगंध पूजा को शुद्ध और आनंदमय बनाती है और इसे अत्यधिक प्रिय बनाती है. इनके अलावा, गेंदे के फूल को पूजा में उपयोग करने से पूजा का माहौल शांतिपूर्ण होता है और भक्ति में उत्साह बढ़ता है. इसके साथ ही, इनकी सुंदरता और सुगंध ध्यान को शांति और संगीतमय बनाती है, जिससे पूजा करने वाले की आत्मा को शांति और संतोष का अनुभव होता है.
1. धार्मिक महत्व: गेंदे का फूल भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है. गेंदे के फूल की हर पंखुड़ी में अलग-अलग देवी-देवताओं का वास माना जाता है. गेंदे का पीला रंग, जो हिंदू धर्म में शुभता का प्रतीक है, पूजा में शुभता और समृद्धि लाने के लिए माना जाता है.
2. वैज्ञानिक महत्व: गेंदे के फूलों में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो पूजा के दौरान वातावरण को शुद्ध करने में मदद करते हैं. गेंदे के फूलों की खुशबू मन को शांत और एकाग्र करने में मदद करती है.
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3. सांस्कृतिक महत्व: गेंदे के फूल भारत में शुभता और समृद्धि का प्रतीक हैं. इनका उपयोग कई त्योहारों और उत्सवों में किया जाता है. गेंदे के फूलों की माला देवी-देवताओं को अर्पित करने के लिए इस्तेमाल की जाती है.
4. व्यावहारिक महत्व: गेंदे के फूल आसानी से उपलब्ध और सस्ते होते हैं. इनकी पंखुड़ियां मजबूत होती हैं और आसानी से नहीं गिरतीं. गेंदे के फूल विभिन्न रंगों में उपलब्ध होते हैं, जो पूजा में सौंदर्य और भव्यता लाते हैं.
इन सभी कारणों से, गेंदे के फूल पूजा में सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले फूलों में से एक हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau