Ganesh Chaturthi 2024: गणेश चतुर्थी के दिन चन्द्रमा के दर्शन को वर्जित माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस दिन चन्द्रमा को देखने से मिथ्या दोष या झूठा कलंक लगता है. इसके कारण व्यक्ति को चोरी का झूठा आरोप सहना पड़ सकता है. इस साल 7 सितंबर से गणेश चतुर्थी के 10 दिनों का पर्व शुरू हो रहा है. महाराष्ट्र में खास कर इस पर्व की धूम ज्यादा देखने को मिलती है. बप्पा के ज्यादातर भक्त उन्हें गणेश चतुर्थी के खास दिन अपने घर लेकर आते हैं और फिर उनके साथ समय बिताते हैं. दिन रात उनकी पूजा करते हैं उन्हे मोदक का भोग लगाते हैं और उनसे अपनी मनोकामनाएं भी कहते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन चंद्रमा के दर्शन करना मना क्यों है.
गणेश चतुर्थी की पौराणिक कथा (Mythological story of Ganesh Chaturthi)
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान कृष्ण पर स्यमन्तक मणि की चोरी का झूठा आरोप लगाया गया था. जब भगवान कृष्ण इस मिथ्या आरोप से पीड़ित हुए, तब नारद मुनि ने उन्हें बताया कि भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन उन्होंने चन्द्रमा का दर्शन किया था जिसके कारण उन्हें मिथ्या दोष का श्राप मिला. नारद मुनि ने बताया कि भगवान गणेश ने चन्द्रदेव को श्राप दिया था कि जो भी व्यक्ति गणेश चतुर्थी के दिन चन्द्रमा को देखेगा उसे चोरी के झूठे आरोप का सामना करना पड़ेगा और वह समाज में कलंकित हो जाएगा. नारद मुनि की सलाह पर भगवान कृष्ण ने गणेश चतुर्थी का व्रत किया, जिसके परिणामस्वरूप वे मिथ्या दोष से मुक्त हो गए.
मिथ्या दोष निवारण मंत्र
अगर आपने गणेश चतुर्थी के दिन गलती से चंद्रमा के दर्शन कर लिए हैं तो आपको तुरंत इसका निवारण भी करना होगा. अगर आप ये चाहते हैं कि आप पर इस भूल का प्रभाव न पड़े, आप किसी झूठे आरोप में न फंसे तो आप मिथ्या दोष निवारण मंत्र भी जान लें. वैसे तो गणेश चतुर्थी के दिन चन्द्र-दर्शन से बचने के लिए ध्यान रखना आवश्यक है, क्योंकि यह तिथि चन्द्र-दर्शन वर्जित होने के लिए जानी जाती है. धर्मसिन्धु के अनुसार, चतुर्थी तिथि के सम्पूर्ण अवधि में चन्द्रमा का दर्शन निषेध होता है. अगर भूल से इस दिन चन्द्रमा का दर्शन हो जाए, तो इस मंत्र का जाप करना चाहिए:
सिंहः प्रसेनमवधीत्सिंहो जाम्बवता हतः.
सुकुमारक मारोदीस्तव ह्येष स्यमन्तकः॥
(Simhah Prasenamavadhitsimho Jambavata Hatah.
Sukumaraka Marodistava Hyesha Syamantakah॥)
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)