Hinduism in India: मुंबई जैसे महानगर की जनसंख्या संरचना में परिवर्तन लंबे समय से सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक चर्चाओं का विषय रहा है. एक हालिया शोध के अनुसार साल 2051 तक मुंबई में हिंदू समुदाय की जनसंख्या में संभावित गिरावट देखी जा सकती है, जबकि मुस्लिम समुदाय की जनसंख्या में वृद्धि होने का अनुमान है. इन आंकड़ों का गणित और इसके पीछे के कारण को समझना भी जरूरी है. पिछले 50 सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो मुंबई की जनसंख्या में हिंदू आबादी का प्रतिशत धीरे-धीरे घट रहा है. 1970 के दशक में जहां मुंबई में हिंदू जनसंख्या का हिस्सा लगभग 80% था, जो धीरे-धीरे घटकर 60% के आस-पास आ गया है. एक अनुमान के अनुसार ये आंकड़ा 2051 तक 54% से भी कम हो सकता है. मुंबई में हिंदू जनसंख्या में गिरावट और मुस्लिम जनसंख्या में वृद्धि के कई कारण हैं.
हिंदू आबादी क्यों घटी?
मुंबई में रोजगार और मजदूरी की बेहतर संभावनाओं के चलते देश के कई हिस्सों से लोग यहां आकर बसते हैं. विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल और केरल जैसे राज्यों से प्रवासित मजदूरों की संख्या बढ़ी है. सरकार आंकड़ों के आधार पर अनेक राज्यों से आकर मुंबई में बस रहे लोगों में मुस्लिम समुदाय के लोग ज्यादा हैं. कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि मुस्लिम समुदाय की प्रजनन दर हिंदू समुदाय से अधिक रही है.
हालांकि, अब यह अंतर धीरे-धीरे कम हो रहा है, फिर भी इसका मुंबई की जनसंख्या संरचना पर असर बना हुआ है. मुंबई में उच्च जीवनयापन लागत के कारण कई हिंदू परिवार छोटे परिवार रखने का निर्णय लेते हैं. इसके विपरीत मुस्लिम परिवारों में अधिक बच्चे होना अधिक सामान्य है जो उनकी जनसंख्या वृद्धि में योगदान देता है.
भविष्य का पूर्वानुमान और संभावनाएं
2051 तक मुस्लिम जनसंख्या के 30% तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है. इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि मुंबई की जनसंख्या संरचना में काफी बड़ा बदलाव आएगा. वैसे आपको ये भी बता दें कि इस तरह के आंकड़े महज अनुमान पर आधारित होते हैं. वास्तविकता कई अन्य कारकों पर निर्भर कर सकती है, जैसे कि सरकारी नीतियां, प्रवास की दर और सामाजिक प्रथाएं.
मुंबई हमेशा से एक सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता का केंद्र रहा है. इस बदलाव का मुंबई की सामाजिक संरचना पर निश्चित रूप से प्रभाव पड़ेगा. मुंबई में हिंदू आबादी की संभावित गिरावट और मुस्लिम आबादी में वृद्धि एक महत्वपूर्ण जनसांख्यिकी बदलाव है. आपको ये भी बता दें कि ये आंकड़े स्थिर नहीं होते और समय के साथ कई कारकों से प्रभावित हो सकते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)