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Hariyali teej 2024 Date: क्यों मनाते हैं हरियाली तीज, जानें हरी चूड़ियां पहनने का क्या है धार्मिक महत्व

Hariyali teej 2024 Date: हरियाली तीज के दिन सुहागन महिलाएं खासतौर पर हरी चूड़ियां पहनती हैं. इसका धार्मिक महत्व क्या है और इस बार हरियाली तीज कब मनायी जाएगी आइए जानते हैं.

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Inna Khosla
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Hariyali teej 2024 Date

Hariyali teej 2024 Date( Photo Credit : News Nation)

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Hariyali teej 2024 Date: सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दौरान महिलाएं हरी चूड़ियां पहनती हैं. हरे रंग को प्रकृति का रंग माना जाता है और इसे सुहाग का प्रतीक भी माना गया है. सावन में हरे रंग का विशेष महत्व होता है क्योंकि यह भगवान शिव और माता पार्वती को प्रसन्न करता है. इस महीने महिलाएं मेहंदी लगाती हैं, झूला झूलती हैं और श्रृंगार करती हैं. सावन में हरे रंग का गहरा संबंध वर्षा ऋतु और हरियाली से होता है. हरियाली तीज का हिंदू धर्म में अत्यधिक धार्मिक महत्व है. यह व्रत विशेष रूप से महिलाओं द्वारा मनाया जाता है और यह भगवान शिव और देवी पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक माना जाता है. श्रावण महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरियाली तीज का त्योहार मनाया जाता है. महिलाओं के सुख, समृद्धि, और वैवाहिक जीवन की मंगलकामना के लिए ये व्रत रखा जाता है. 

हरियाली तीज कब है ? 

हरियाली तीज इस साल 2024 में 7 अगस्त, बुधवार को मनाया जाएगा. यह त्यौहार सावन महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है.

हरियाली तीज का धार्मिक महत्व 

हरियाली तीज का प्रमुख धार्मिक महत्व भगवान शिव और देवी पार्वती के पुनर्मिलन से जुड़ा हुआ है. इस दिन देवी पार्वती ने कठोर तपस्या के बाद भगवान शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त किया था. इस कथा के अनुसार, भगवान शिव और देवी पार्वती का मिलन वैवाहिक जीवन के आदर्श का प्रतीक है. इस व्रत को करने से महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, सुख, और समृद्धि की कामना करती हैं. ऐसा माना जाता है कि हरियाली तीज का व्रत करने से पति-पत्नी के बीच प्रेम और विश्वास बढ़ता है. इस दिन महिलाएं व्रत रखकर और देवी पार्वती की पूजा करके अपने परिवार की खुशहाली और समृद्धि की प्रार्थना करती हैं. यह व्रत उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी माना जाता है.

हरियाली तीज पर हरी चूड़ियां पहनने का धार्मिक महत्व 

हरियाली तीज के खास मौके पर हरी चूड़ियां पहनने का धार्मिक महत्व भी है. हिंदू धर्म में, हरी चूड़ियां कई धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखती हैं. विवाहित महिलाएं आमतौर पर अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए हरी चूड़ियां पहनती हैं. हरा रंग प्रकृति, वृद्धि और नवीनता का प्रतीक है, जो इन गुणों को विवाह में दर्शाता है. चूड़ियां स्त्रीत्व और सौभाग्य का प्रतीक हैं. सौभाग्य और समृद्धि लाने के लिए हरियाली तीज के दिन सुहागन महिलाएं खासतौर पर इसे पहनती हैं. ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी, जो धन और समृद्धि की देवी हैं, हरे रंग को पसंद करती हैं. इसलिए, हरी चूड़ियां पहनने से देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

Source : News Nation Bureau

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