Mauni Amavasya: मौनी अमावस्या एक हिंदू पर्व है जो भारतीय हिंदू कैलेंडर के अनुसार मनाया जाता है. यह पर्व माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है, जिसमें मौन और मेधा के अध्ययन की प्रेरणा ली जाती है. यह पर्व भारत के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है, जैसे कि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, जम्मू-कश्मीर, आदि. मौनी अमावस्या को मनाने का मुख्य उद्देश्य मानव जीवन में शांति और समृद्धि को प्राप्त करना है. इस दिन लोग विशेष ध्यान देते हैं, ध्यान और ध्यान का प्रकार और विधि अपनाते हैं. इस दिन जल अभिषेक करके ध्यान का अभ्यास करने की प्रथा भी होती है. मौनी अमावस्या को मनाने का अन्य एक उद्देश्य अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखना भी है. ध्यान करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को लाभ मिलता है और मनुष्य को आत्मा के निकटता का अनुभव होता है.इस दिन को लोग अलग-अलग धार्मिक और आध्यात्मिक क्रियाओं के साथ विशेष उपासना और पूजा करते हैं. उन्हें यहाँ तक भी अपने घर में योग और ध्यान का अभ्यास करने का समय मिलता है.
मौनी अमावस्या में क्या करना चाहिए और क्या नहीं
मौनी अमावस्या को विभिन्न तरीकों से मनाया जा सकता है, लेकिन कुछ आम उपाय निम्नलिखित हैं जो इस दिन किए जाते हैं
मौन: इस दिन लोग चुपचाप बैठकर ध्यान और मेधा का अभ्यास करते हैं. ध्यान और मनन के द्वारा विचारों को शांत करने का प्रयास किया जाता है.
प्रार्थना: लोग अपने इष्ट देवता की प्रार्थना करते हैं और उनसे शांति, समृद्धि, और मानवता के लिए आशीर्वाद मांगते हैं.
पर्वत यात्रा: कुछ लोग इस दिन पर्वतों या तीर्थस्थलों पर यात्रा करते हैं और ध्यान और साधना के लिए स्थलीय मंदिरों में जाते हैं.
दान: यह एक उत्कृष्ट समय है अनाज, वस्त्र, धन, और अन्य आवश्यकताओं के दान करने का.
व्रत: कुछ लोग मौनी अमावस्या पर व्रत रखते हैं, जो ध्यान और आध्यात्मिक साधना के लिए मददगार होता है.
ना करें
अनावश्यक शोर और बोलचाल: इस दिन को चुपचाप और शांति में बिताना अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसलिए लोगों को बोलचाल में कमी बनाए रखनी चाहिए.
अशुद्ध आहार: यदि आप व्रत रख रहे हैं, तो अशुद्ध और अन्य तरह के आहार का सेवन न करें.
ध्यान को तोड़ना: इस दिन ध्यान और साधना को बाधित न करें, और ध्यान का नियमित अभ्यास करें.
मौनी अमावस्या पर लोगों को आत्मशुद्धि, ध्यान, और साधना के माध्यम से आत्मा के निकटता का अनुभव करने का एक शांतिपूर्ण और सात्विक दिन मनाना चाहिए.
Source : News Nation Bureau