गोवर्धन परिक्रमा धार्मिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण परंपरा है जो हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखती है। इस परिक्रमा का मूल उद्देश्य भगवान कृष्ण के लीलाओं को याद करना और उनके धार्मिक संदेश को जीवन में अपनाना है। गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा को धार्मिक महत्व के कई कारणों से महत्वपूर्ण माना जाता है। पहले, गोवर्धन पर्वत का अपने आत्मीय प्रतीक के रूप में महत्व है। हिन्दू धर्म में गोवर्धन पर्वत को भगवान कृष्ण की प्रेम और संरक्षा का प्रतीक माना जाता है। इसीलिए, इस परिक्रमा में गोवर्धन पर्वत की प्रदक्षिणा करने से विशेष आध्यात्मिक और धार्मिक पुण्य प्राप्त होता है। दूसरे, इस परिक्रमा का अपने समूह और समुदाय के साथ सांझा करने का महत्व है। गोवर्धन परिक्रमा के दौरान लोग एक-दूसरे के साथ भगवान की पूजा और अर्चना करते हैं, जिससे सामाजिक और धार्मिक संबंध मजबूत होते हैं। तीसरे, गोवर्धन परिक्रमा का अपने पारंपरिक और सांस्कृतिक मूल्यों को संजीवनी देने का महत्व है। यह परिक्रमा हमें हमारी संस्कृति और धार्मिक विरासत के प्रति समर्पित करता है और हमें अपने धार्मिक आदर्शों को बनाए रखने में सहायक होता है। इस प्रकार, गोवर्धन परिक्रमा का धार्मिक महत्व अत्यधिक है। यह एक आध्यात्मिक अनुभव है जो लोगों को उनके आध्यात्मिक और धार्मिक मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है और समुदाय को एकसाथ जोड़ता है।
धार्मिक लाभ:
पापों से मुक्ति: गोवर्धन पर्वत को भगवान कृष्ण का स्वरूप माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान कृष्ण ने इंद्रदेव के गर्व को चूर करने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया था और ब्रजवासियों को उसकी रक्षा की थी। इसलिए, गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मनोकामनाओं की पूर्ति: मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करना बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि जो भक्त सच्चे मन से गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करते हैं, उनकी मनोकामनाएं भगवान कृष्ण अवश्य पूर्ण करते हैं।
भगवान कृष्ण की कृपा: परिक्रमा करने से भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। भगवान कृष्ण के प्रति भक्ति और समर्पण भाव बढ़ता है।
स्वास्थ्य लाभ:
व्यायाम: परिक्रमा करने से पैदल चलने का व्यायाम होता है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है। यह हृदय रोग, मधुमेह, और मोटापे जैसी बीमारियों से बचाता है।
मानसिक शांति: परिक्रमा करने से मन शांत और प्रसन्न होता है। यह तनाव, चिंता, और अवसाद को कम करता है।
एकाग्रता में वृद्धि: परिक्रमा करने से एकाग्रता में वृद्धि होती है। यह ध्यान केंद्रित करने और याददाश्त में सुधार करने में मदद करता है।
रोगों से बचाव: परिक्रमा करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और रोगों से बचाव होता है।
परिक्रमा करते समय ध्यान रखने योग्य बातें:
परिक्रमा स्नान करके और स्वच्छ वस्त्र पहनकर करनी चाहिए। परिक्रमा करते समय मन में भगवान कृष्ण का ध्यान करना चाहिए। परिक्रमा करते समय गाय, बछड़े, ब्राह्मण और वृद्धों का सम्मान करना चाहिए। परिक्रमा करते समय धैर्य और लगन से काम लेना चाहिए।
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau