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Hinduism Growing in Europe: यूरोपियन क्यों अपना रहे हैं सनातन धर्म? सतयुग जैसा जीवन जीते हैं इस देश के लोग

Hinduism in Hungary: विश्वभर में जिस तरह से हिंदू धर्म का प्रचार प्रसार हुआ है उस कारण लोग अब तेजी से सनातन धर्म अपना रहे हैं. यूरोप के सबसे बड़े हिंदू गांव में लोग कैसे सतयुगी जीवनशैली अपना चुके हैं आइए जानते हैं. 

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Inna Khosla
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Hinduism in Hungary

Hinduism in Hungary

Hinduism Growing in Europe: हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट से लगभग 174 किलोमीटर दूर स्थित यह हंगरी का इकलौता और पूरे यूरोप का सबसे बड़ा हिंदू गांव (Europe Largest Hindu Village) है. इस गांव का नाम कृष्णा घाटी है, जिसे कृष्णा वैली या नव व्रज धाम के नाम से भी जाना जाता है. लगभग 660 एकड़ क्षेत्र में फैले इस गांव में सनातन धर्म के प्राचीन और पारंपरिक तौर-तरीकों का पालन किया जाता है. यहां की महिलाएं साड़ी पहनती हैं, पुरुष धोती-कुर्ता और सनातनी वस्त्र धारण करते हैं. खेती के लिए आधुनिक तकनीकों की जगह बैलों का उपयोग किया जाता है और बच्चे संस्कृत के साथ-साथ मॉडर्न शिक्षा भी प्राप्त करते हैं. सतयुग की झलक देते इस गांव में हर व्यक्ति अपनी दिनचर्या में सनातन के सिद्धांतों का पालन करता है.

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यूरोप के सबसे बड़े हिंदू गांव की खासियत

कृष्णा घाटी गांव (Krishna Valley) पूरी तरह से आत्मनिर्भर है, जहां जैविक खेती की जाती है और मंदिरों के साथ आयुर्वेदिक केंद्र भी हैं. हर घर और इमारत के ऊपर सोलर पैनल लगाए गए हैं, जिससे गांव खुद अपनी बिजली उत्पन्न करता है और किसी भी राष्ट्रीय ग्रिड पर निर्भर नहीं है. यह गांव गौशालाओं और जैविक खेती के माध्यम से अपनी आवश्यकताएं पूरी करता है, और हंगरी सरकार भी इस गांव की सराहना करती है.

कब, किसने और कैसे की इस गांव की स्थापना? 

इस गांव की स्थापना 1993 में शिवराम स्वामी ने की थी. शिवराम स्वामी का जन्म 1949 में बुडापेस्ट में हुआ था. 1980 में वे लंदन आए जहां उन्होंने भगवद गीता से प्रेरित होकर इस्कॉन (ISKCON) को जॉइन किया और सनातन धर्म को अपनाया. उन्होंने हंगेरियन भाषा में भगवद गीता का अनुवाद किया, जिससे हजारों हंगेरियन सनातन धर्म की ओर आकर्षित हुए. शिवराम स्वामी की निस्वार्थ सेवा और कार्यों के लिए 2009 में उन्हें हंगरी गणराज्य के "गोल्ड क्रॉस ऑफ मेरिट" से सम्मानित किया गया.

आज यह गांव हंगरी में एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन गया है. जहां हंगरी में एक वर्ष में औसतन 10,000 पर्यटक आते हैं वहीं अकेले इस गांव को देखने के लिए 30,000 से अधिक पर्यटक आते हैं. यहां हर हिंदू त्योहार (Hindu Festival) को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है और हंगरी की सरकार इस गांव का पूरी तरह से समर्थन कर रही है. शिवराम स्वामी (Shivram Swami) द्वारा खरीदी गई भूमि की प्रारंभिक सीमा 110 एकड़ थी, जो अब बढ़कर 660 एकड़ हो चुकी है. हर साल इस्कॉन हंगरी में अधिक भूमि खरीद रहा है, जिससे यह हिंदू गांव लगातार विस्तार कर रहा है और पूरे यूरोप में सनातन धर्म (Sanatan Dharm) का प्रचार कर रहा है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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