Jagannath Temple: जगन्नाथ मंदिर जिसे विश्व के स्वामी भगवान जगन्नाथ का धाम कहा जाता है, भगवान कृष्ण का एक रहस्यमयी स्थान है. यहां उनके साथ उनकी बहन सुभद्रा और भाई बलराम भी स्थापित हैं. वैष्णव संप्रदाय के चार धामों में से जगन्नाथ मंदिर एक है और लाखों हिंदू भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है. हर हिंदू के लिए जीवन में कम से कम एक बार भगवान जगन्नाथ के दर्शन करना आवश्यक माना जाता है. लेकिन आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि गांधी परिवार के भविष्य के नेता कांग्रेस के प्रमुख नेता राहुल गांधी को इस मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है. यह मंदिर जो हिंदू आस्था से जुड़े सबसे पुराने मंदिरों में से एक है में राहुल गांधी के प्रवेश पर प्रतिबंध का कारण गांधी परिवार के इतिहास से जुड़ा है.
गांधी परिवार और मंदिर में प्रवेश का विवाद
इतिहास गवाह है कि 1984 में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश की इच्छा व्यक्त की थी तो उन्हें भी प्रशासन से अनुमति नहीं मिली थी. इसका कारण यह था कि मंदिर के मुख्य द्वार पर बड़े अक्षरों में यह स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है कि केवल पारंपरिक हिंदुओं को ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति है. मंदिर में प्रवेश से गैर-हिंदुओं को स्पष्ट रूप से रोका गया है. इसका मतलब है कि इस नियम के अनुसार, सिख, बौद्ध, और जैन धर्म के लोगों को प्रवेश की अनुमति मिलती है लेकिन अन्य धर्मों के लोगों को नहीं. यही कारण है कि राहुल गांधी, जो स्वयं को दत्तात्रेय गोत्र का ब्राह्मण कहते हैं मंदिर प्रशासन के अनुसार गैर-हिंदू माने जाते हैं.
इंदिरा गांधी और फ़िरोज़ गांधी की शादी
मंदिर के सेवक बताते हैं कि इंदिरा गांधी ने फ़िरोज़ गांधी से शादी की थी जो जाति से पारसी थे. हिंदू धर्म के नियमों के अनुसार विवाह के बाद महिला का गोत्र उसके पति का हो जाता है. इसलिए इंदिरा गांधी का गोत्र फ़िरोज़ गांधी के पारसी गोत्र में बदल गया और इसी कारण से उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को मंदिर में प्रवेश नहीं मिल सका.
राहुल और प्रियंका पर भी प्रतिबंध
यह प्रतिबंध केवल इंदिरा गांधी तक सीमित नहीं रहा बल्कि उनके परिवार के अन्य सदस्यों जैसे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर भी लागू होता है. मंदिर प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि अगर राहुल और प्रियंका भगवान जगन्नाथ के दर्शन करना चाहते हैं तो वे साल में एक बार आयोजित होने वाली जगन्नाथ रथ यात्रा में भाग ले सकते हैं, लेकिन मुख्य मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकते.
मंदिर के इतिहास से जुड़े कुछ रहस्य
जगन्नाथ मंदिर का इतिहास भी अत्यंत रोचक और रहस्यमयी है. मंदिर पर कई बार आक्रमण हुए और इसे बचाने के लिए कई बार भगवान की मूर्तियों को छिपाना पड़ा. 1930 के दौरान एक बार मंदिर की मूर्तियों को चोरी होने से बचाने के लिए हैदराबाद में छिपाया गया था. आज भी मंदिर के दरवाजे बंद हैं और इसकी मूर्तियों की प्रतिष्ठा के कारण मंदिर प्रशासन के अनुसार जल्द ही मंदिर के दरवाजे फिर से खुलने की संभावना है. गांधी परिवार के सदस्यों को जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश से वंचित रखा गया है क्योंकि मंदिर के नियमों के अनुसार, केवल हिंदू धर्म के पारंपरिक अनुयायी ही मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं. हालांकि उन्हें रथ यात्रा में भाग लेने की अनुमति है लेकिन मुख्य मंदिर में प्रवेश प्रतिबंधित है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)