Chitragupta Puja 2024: भाई दूज के दिन चित्रगुप्त की पूजा का महत्व हिन्दू धर्म में विशेष माना जाता है. चित्रगुप्त हिन्दू धर्म के अनुसार यमराज के मंत्री हैं और वे हर व्यक्ति के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं. भाई दूज के दिन भाई-बहन के बीच खुशियों और प्यार का उत्सव मनाया जाता है. इस दिन चित्रगुप्त की पूजा करके लोग उन्हें अपने कर्मों के लिए धन्यवाद देते हैं और उनसे क्षमा की मांग करते हैं. इस पूजा में विशेष मान्यता है क्योंकि यह दिन भाई-बहन के प्यार और संबंधों का प्रतीक है, और चित्रगुप्त को भी इस रिश्ते की रक्षा और संरक्षण का माध्यम माना जाता है. चित्रगुप्त की पूजा करके लोग अपने बुरे कर्मों का प्रायश्चित करते हैं और भलाई की शुभकामनाएं मांगते हैं. इस उत्सव के दिन भाई-बहन के संबंधों में मिठास, प्रेम, और सम्मान का महत्वपूर्ण संदेश साझा किया जाता है.
धार्मिक महत्व: भाई दूज का पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है. इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं. इस दिन चित्रगुप्त जी की पूजा भी की जाती है. चित्रगुप्त जी को यमराज का सहायक माना जाता है. माना जाता है कि चित्रगुप्त जी मनुष्यों के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं. चित्रगुप्त जी की पूजा करने से मनुष्यों को अपने कर्मों का फल प्राप्त होता है.
ज्योतिषीय महत्व: ज्योतिष शास्त्र में, चित्रगुप्त जी को ज्ञान और बुद्धि का देवता माना जाता है. चित्रगुप्त जी की पूजा करने से ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि होती है. चित्रगुप्त जी की पूजा करने से शिक्षा और करियर में सफलता प्राप्त होती है.
चित्रगुप्त जी की पूजा करने से मन में सकारात्मक विचारों का संचार होता है. मन में एकाग्रता और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है. भाई दूज के दिन चित्रगुप्त जी की पूजा करने से पहले आपको स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए. पूजा स्थल को साफ-सुथरा और स्वच्छ रखना चाहिए.
चित्रगुप्त जी की पूजा करने की सामग्री: चित्रगुप्त जी की मूर्ति या चित्र, दीप, धूप, फूल, फल, मिठाई, दक्षिणा. चित्रगुप्त जी की पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करना चाहिए- ॐ चित्रगुप्ताय नमः पूजा करने के बाद आपको प्रसाद ग्रहण करना चाहिए. यह धार्मिक, ज्योतिषीय और वैज्ञानिक महत्व वाला एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है. इनकी पूजा करने से आपको धार्मिक, ज्योतिषीय और वैज्ञानिक लाभ प्राप्त हो सकते हैं.
भाई दूज के दिन चित्रगुप्त जी की पूजा करने की विधि:
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें. पूजा स्थल को साफ-सुथरा और स्वच्छ करें. चित्रगुप्त जी की मूर्ति या चित्र को पूजा स्थल पर स्थापित करें. दीप प्रज्वलित करें और धूप जलाएं. चित्रगुप्त जी को फूल, फल, मिठाई, और दक्षिणा अर्पित करें. चित्रगुप्त जी की आरती करें. चित्रगुप्त जी का ध्यान करें और मंत्र का जाप करें. प्रसाद ग्रहण करें.
भाई दूज के दिन भाई को तिलक लगाने का भी विशेष महत्व है. बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं. तिलक लगाने के बाद भाई को मिठाई खिलाई जाती है. भाई दूज का पर्व भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है. यह पर्व भाई-बहन के बीच स्नेह और भाईचारे का बंधन मजबूत करता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau