होली का त्योहार 8 मार्च को धूमधाम से मनाया गया. होली के पांचवें दिन यानी आज 12 मार्च को रंग पंचमी मनाई जा रही है. चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि के दिन देशभर में रंगपंचमी मनाई जाती है. रंग पचंमी का त्योहार मुख्य रूप से महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में मनाया जाता है. हिंदू धार्मिक मान्यताओं की मानें तो रंग पंचमी तिथि पर देवता भी रंगों का त्योहार खेलते हैं. कहा तो यहां तक जाता है कि देवता रंगों का त्योहार खेलने के लिए पृथ्वी पर आते हैं. हिंदू मान्यताओं में राधा-कृष्ण की रंग पंचमी में रंगों के खेलने का भी जिक्र किया जाता है.
रंग पंचमी का क्या है शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार. 12 मार्च को रंग पंचमी का त्योहार है. पंचमी तिथि की शुरुआत 11 मार्च 2023 को रात 10 बजे के बाद ही शुरू हो गई थी. समापन 12 मार्च को 10 बजकर 04 मिनट पर है. हिंदू मान्यताओं में उदय के दिन का खास महत्व होता है. ऐसे में रंगपंचमी का त्योहार इस बार 12 मार्च को मनाई जा रही है.
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रंग पंचमी मनाने के पीछे क्या है मान्यता
रंग पंचमी का त्योहार होली के पांचवें दिन धूमधाम से मनाया जाता है. मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के हिस्सों में रंग पंचमी का त्योहार जोरशोर से मनाया जाता है, इसमें रंग और गुलाल एक दूसरे को लगाया जाता है और हवा में अबीर-गुलाल उड़ाया जाता है. रंग पंचमी मनाने के पीछे देवाताओं का रंग-गुलाल खेलना तो है ही इसके अलावा महादेव और कामदेव से जुड़ी कथा भी चर्चित हैं.
मान्यता है कि भोले शंकर ने कामदेव को अपनी तीसरी आंख से भस्म कर दिया तब देवी-देवता उदास हो गए. कामदेव की पत्नी देवी रती और सभी देवी-देवताओं ने कामदेव को दोबारा से जीवित करने के लिए महादेव से प्रार्थना की. तब महादेव ने दोबारा से कामदेव को फिर से जीवित कर दिया. तभी देवी-देवता बहुत ही प्रसन्न हुए और रंगों का त्योहार मनाने लगे. इसी कड़ी में रंग पंचमी का त्योहार मनाया जाने लगा.