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Hanuman Tantra Puja: तंत्र विद्या के लिए क्यों होती है हनुमान जी के पंचमुखी अवतार की पूजा

Hanuman Tantra Puja: हनुमान जी की पूजा से हर मुश्किल दूर हो जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं हनुमान जी का पंचमुखी अवतार इतना शक्तिशाली है कि तांत्रिक क्रियाओं में उनके इसी स्वरूप को पूजा जाता है.

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Inna Khosla
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why is the panchmukhi incarnation of hanuman ji worshiped for tantra vidya

Hanuman Tantra Puja( Photo Credit : News Nation)

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Hanuman Tantra Puja: हनुमान जी के पंचमुखी रूप को उनका रौद्र रूप कहा जाता है और इस रूप को धारण करने के पीछे रामायण के युद्ध की एक बड़ी दिलचस्प कहानी छिपी हुई है. कृति वास रामायण के अनुसार जब श्री राम और रावण के बीच युद्ध चल रहा था तब रावण ने देखा की उसकी सेना श्री राम की सेना के हाथों परास्त हो रही थी. अपनी सेना की हालत देख रावण अपने भाई अही रावण से मदद मांगने पहुंचा. अही रावण एक मायावी राक्षस था जो मां भवानी का भक्त था और तंत्र विद्या में माहिर था. अपने भाई की दुविधा समझकर उसने अपनी मायावी शक्ति का इस्तेमाल कर श्री राम की सेना को एक गहरी निद्रा में सुला दिया और श्री राम और लक्ष्मण का अपहरण कर उन्हें पाताल लोक ले गया. 

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जैसे ही हनुमान जी श्री राम और लक्ष्मण की सहायता करने आगे बड़े अहिरावन बड़ा बनकर उनके सामने खड़ा हुआ और हनुमान जी और अही रावण के बीच एक भयंकर युद्ध शुरू हुआ. युद्ध में जहां हनुमान जी अपने पूरे बल से अहिरावण का सामना कर रहे थे. वही अहिरावन माया का इस्तेमाल कर बार-बार बच रहा था. बहुत देर तक चले युद्ध के बाद हनुमान जी ने देखा की अहि रावण ने पांच दिशाओं में पांच दिए जलाकर रखे थे. दरअसल मां भवानी की कड़ी तपस्या करने के बाद अहिरावन को एक वरदान मिला था जिसके चलते जो शख्स ये पांचों दिए एक साथ बुझाएगा वही अहिरावन का वध कर पाएगा और इसी कार्य को अंजाम देने के लिए हनुमान जी ने अपना पंचमुखी रूप धारण किया. 

उत्तर दिशा में वरामुख दक्षिण दिशा में नरसिम्हा पश्चिम दिशा में करुड़ मुख, आकाश की तरफ हगरी मुख और पूर्व दिशा में हनुमान मुख अपने इस पंचमुखी रूप में आकर हनुमान जी ने सभी दिशाओं के दीपक एक साथ बुझा दिए और अहि रावण का वध कर दिया. 

भारत के अलग अलग हिस्सों में पंचमुखी हनुमान जी के कई मंदिर है और माना जाता है कि अक्सर हनुमान जी के इस रूप की पूजा सिद्धि हासिल करने के लिए की जाती है. लेकिन पंचमुखी हनुमान जी की साधना करना बिल्कुल आसान नहीं है. 

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हनुमान जी के पंचमुखी रूप को अक्सर तंत्र विद्या से जोड़ा जाता है और कई तांत्रिक क्रियाएं जैसे विद्या नर्व तंत्र में इस रूप के महत्त्व को अलग-अलग तरीके से समझाया गया है. आज भी पंचमुखी हनुमान के मंदिरों में तांत्रिक तरीकों से हनुमान जी की पूजा की जाती है. जिसमे 14 दिन और 14 रात तक बिना रुके मंत्रो का उच्चारण होता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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Source : News Nation Bureau

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