Advertisment

Religion in Soviet Union: सोवियत यूनियन में धर्म की बातें करने पर प्रतिबंध क्यों है?, जानें बड़े कारण

Religion in Soviet Union: सोवियत संघ या सोवियत यूनियन एक सोशलिस्ट संगठन था, जिसकी स्थापना १९२२ में की गई थी और जो १९९१ में विघटित हो गया था. यह एक संघीय राज्य था, जो बहुत ही महत्वपूर्ण रूप से रूस, बेलारूस, उक्रेन, और अन्य कई देशों सहित कई अन्य राष्ट्

author-image
Sunder Singh
New Update
soviyat sangh 34

सांकेतिक फोटो ( Photo Credit : न्यूज नेशन )

Advertisment

Religion in Soviet Union: सोवियत संघ या सोवियत यूनियन एक सोशलिस्ट संगठन था, जिसकी स्थापना १९२२ में की गई थी और जो १९९१ में विघटित हो गया था. यह एक संघीय राज्य था, जो बहुत ही महत्वपूर्ण रूप से रूस, बेलारूस, उक्रेन, और अन्य कई देशों सहित कई अन्य राष्ट्रों को शामिल करता था. यह एक कम्युनिस्ट संगठन था, जिसका नेतृत्व कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा किया जाता था और यह कम्युनिस्ट आदालतों द्वारा प्रबंधित किया जाता था. इसका मुख्यालय मॉस्को में था. सोवियत संघ में धर्म की बातें करने पर प्रतिबंध लगाया गया था क्योंकि इसका ध्यान राष्ट्रवादी विचारधारा को हमला माना गया था। कम्युनिस्ट पार्टी के अधिकारियों को मानते हुए धार्मिक विचारधाराओं को उन्होंने उत्पादक शक्ति के खिलाफ माना और इसे समाज में बुरी तरह से प्रभावित करने के लिए नियंत्रित किया. धर्म एक संज्ञानात्मक बुनियादी आवश्यकता के रूप में नहीं माना जाता था और यहां लोगों की धार्मिक भावनाओं को ध्वस्त करने की कोशिश की जाती थी. साथ ही, सोवियत संघ के नेतृत्व के तहत सामाजिक और धार्मिक विविधता को नियंत्रित किया जाता था ताकि उनकी राजनीतिक विचारधारा को बनाए रखना आसान हो. धर्म की बातें करना सोवियत संघ के विरोधी प्रवृत्तियों के रूप में देखा जाता था और इसे रोकने के लिए प्रतिबंध लगाया गया.

जानें 10 बड़े कारण 

राष्ट्रवादी विचारधारा: सोवियत संघ में राष्ट्रवादी विचारधारा के अनुसार, धर्म को उत्पादक शक्ति के खिलाफ माना जाता था और इसे समाज में बुरी तरह से प्रभावित करने के लिए नियंत्रित किया गया.

कम्युनिस्ट पार्टी के निर्देशनात्मक नेतृत्व: सोवियत संघ के कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व के तहत, धर्म की बातों को राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता था और इसे प्रतिबंधित किया गया.

सामाजिक विविधता की कमी: सोवियत समाज में धार्मिक और सामाजिक विविधता को कम करने के लिए प्रतिबंध लगाया गया था ताकि लोगों की धार्मिक भावनाओं को दबाया जा सके.

राजनीतिक उपयोग: धर्म की बातें करने पर प्रतिबंध लगाने का मुख्य कारण राजनीतिक उद्देश्यों के लिए था, ताकि नेताओं को अपनी शक्ति बनाए रखना आसान हो.

राजनीतिक संघर्ष: धर्म की बातें करने से राजनीतिक संघर्ष को बढ़ावा मिलता था और इसलिए यह प्रतिबंधित किया गया.

सामाजिक असंतोष: धर्म के प्रति सामाजिक असंतोष को कम करने के लिए इसे प्रतिबंधित किया गया था.

धर्म के नाम पर दंगाई गतिविधियों का रोकथाम: धर्म के नाम पर दंगाई गतिविधियों को रोकने के लिए इसे प्रतिबंधित किया गया था.

सामाजिक और आर्थिक आतंकवाद: धर्म के नाम पर सामाजिक और आर्थिक आतंकवाद को रोकने के लिए इसे प्रतिबंधित किया गया था.

धर्मीय समुदायों के भेदभाव के खिलाफ: सोवियत समाज में धार्मिक समुदायों के भेदभाव के खिलाफ इसे प्रतिबंधित किया गया था.

कम्युनिस्ट आदालतों की समर्थन: सोवियत संघ में कम्युनिस्ट पार्टी के आदालतों की समर्थन के लिए धर्म की बातें करने पर प्रतिबंध लगाया गया था.

Source : News Nation Bureau

Religion in Soviet Union Soviet Union Soviet Union dhram Religion in Soviet Union news Religion in Soviet Union breaking news Religion in Soviet Union trending news
Advertisment
Advertisment
Advertisment