Muslims Leave Islam Countries: सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (Saudi Prince Mohammed bin Salman) के नेतृत्व में देश में कई बड़े बदलाव हो रहे हैं. जिनका उद्देश्य इस्लामिक कट्टरपंथ से देश को दूर कर आधुनिकता की ओर ले जाना है. लेकिन, इन बदलावों के कारण वहां के नागरिक असंतुष्ट हैं और बड़ी संख्या में यहां रह रहे मुस्लिम समुदाय के लोग देश छोड़कर अन्य देशों में शरण ले रहे हैं.
विजन 2030 और सऊदी अरब का बदलाव
मोहम्मद बिन सलमान का विजन 2030 एक ऐसी योजना है, जिसके अंतर्गत 500 अरब डॉलर का निवेश करके सऊदी अरब को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की तरह आधुनिक और प्रगतिशील बनाने का प्रयास किया जा रहा है. इस योजना का उद्देश्य सऊदी अरब को धार्मिक कट्टरपंथ से हटाकर एक वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में बदलना है. इस्लामिक नियमों में ढील दी जा रही है और टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े फैसले लिए जा रहे हैं. कुछ समय पहले क्रिस्टियानो रोनाल्डो को यहां का ब्रांड एंबेसडर बनाया गया.
देश छोड़ने का मुख्य कारण
सऊदी अरब में इस्लामिक नियमों में हो रहे इन बदलावों के कारण वहां की जनता काफी असंतुष्ट है. 2013 से 2023 के बीच देश छोड़ने वालों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है. 2013 में जहां 575 सऊदी नागरिकों ने 14 देशों से शरण मांगी थी, वहीं 2023 में यह संख्या बढ़कर 2,100 हो गई. इससे साफ है कि मोहम्मद बिन सलमान की नीतियों के चलते लोग सऊदी अरब छोड़कर दूसरे देशों में बस रहे हैं. सऊदी अरब में हो रहे बदलावों का असर वहां के लोगों की इस्लामिक आस्था पर भी पड़ रहा है. इस्लामिक परंपराओं से हटकर सऊदी अरब अब एक ऐसा देश बनने की कोशिश कर रहा है जहां इस्लामिक प्रतिबंध कम हों और आधुनिकता को अपनाया जाए. हालांकि, इसके चलते वहां के धार्मिक वर्ग में काफी असंतोष बढ़ गया है.
मौलवियों पर सख्त कार्रवाई
मोहम्मद बिन सलमान के खिलाफ आवाज उठाने वाले मौलवियों और मौलानाओं को जेल में डाला जा रहा है. नियम शहर के निर्माण के लिए सरकार ने कई नागरिकों को जबरन उनके घरों से बेदखल कर दिया है और विरोध करने वालों पर गोली तक चलवा दी गई है. सऊदी अरब में हो रहे ये बदलाव यह संकेत देते हैं कि वहां के प्रिंस इस्लामिक कट्टरपंथ को कमजोर करके देश को एक प्रगतिशील और आधुनिक रूप देना चाहते हैं. हालांकि इन नीतियों के चलते देश के लोग काफी नाराज हैं और मजबूरन देश छोड़ने को विवश हो रहे हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)