कोरोना वायरस (Corona Virus) इस वक्त पूरी दुनिया मे अपना पैर पसार चुका है और सभी देश इस बीमारी से लड़ने में जुटे हुए हैं. भारत भी इस बीमारी की चपेट में है और इस वक्त पूरे देश मे लॉकडाउन (Lockdown) है और लोग सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) का पालन कर रहे हैं. रमजान (Ramadan) का पाक महीना 24 अप्रैल से 23 मई तक होगा, और रमजान खत्म होने के साथ ही ईद-उल-फितर का त्यौहार मनाया जाएगा. रमजान को अब 18 दिन बचे हैं और अभी भी पूरे देश मे लॉकडाउन है. सरकार अभी इस पर विचार कर रही है कि लॉकडाउन को आगे बढ़ाया जाए या नहीं. ऐसे में मौलानाओं का कहना है की अगर ऐसा ही चलता रहा तो पूरी दुनिया में पहली बार होगा, जब रमजान के वक्त पाबंदी होगी और वह भी एक बीमारी के डर से. इस स्थिति में लोग रमजान के वक्त घरों में नमाज अदा करेंगे, और मस्जिदों में तालाबंदी होगी, कोई नागरिक घर से बाहर नहीं होगा.
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जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने बताया, "मेरी जानकारी के मुताबिक कभी ऐसा नहीं हुआ. जिस वक्त प्लेग फैला था, तब भी ऐसा नहीं हुआ. लोगों में उस वक्त भी डर था. 1400 साल पहले हुजूर के समय की बात करूं, तब भी प्लेग के वक्त लोग मस्जिद में आते थे और यह तब एक शहर, कस्बे तक ही सीमित था. दुनिया की तारीख में मुझे याद नहीं और न ही मैंने कभी पढ़ा कि कोई ऐसी बीमारी आई हो, जिसकी वजह से लोगों रमजान के वक्त मस्जिदों को छोड़ कर घरों में नमाज पढ़ी हो."
ऑल इंडिया इल्मो हुनर के चीफ मु़फ्ती मोहम्मद मंजूर जियाई ने कहा, "दुनिया मे पहली दफा ऐसा होगा कि जब रमजान के वक्त पाबंदियां होंगी, एक साथ और लोग घरों में रहेंगे. इससे पहले 39 बार मक्का को लोगों की इबादत के लिये बंद कर दिया गया था, लेकिन लॉकडाउन बढ़ने की स्थिति में ऐसा पहली बार होगा दुनिया की तारीख में जब रमजान पांबदियों से गुजरेगा."
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जिस तरह के इस वक्त देश में हालात बने हुए हैं, उससे कम ही लगता है कि रमजान के वक्त में पहले की तरह रौनक नजर आएगी.
Source : IANS