Wedding Tradition: यहूदी धर्म में शादी के समारोह में वाइन का विशेष महत्व है. वाइन को इस समारोह में एक पवित्र पेय के रूप में माना जाता है और इसका उपयोग एक धार्मिक अनुष्ठान के दौरान किया जाता है. यहूदी शादियों में किद्दुश नामक एक अनुष्ठान होता है. इस अनुष्ठान में दूल्हा दुल्हन को एक गिलास वाइन देता है और दुल्हन एक निश्चित मात्रा में वाइन पीती है. वाइन को पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक माना जाता है. यह शादी के बंधन को पवित्र बनाने और इसे परमात्मा के सामने समर्पित करने का प्रतीक है. शादी एक खुशी का अवसर होता है और वाइन इस खुशी को और बढ़ाने में मदद करता है. बाइबल के पुराने नियम में भी वाइन का उल्लेख मिलता है और इसे एक पवित्र पेय के रूप में माना जाता है.
वाइन पिलाकर क्यों होती है शादी ? (Wine at the Jewish Wedding)
वाइन का उपयोग प्राचीन काल से ही धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता रहा है. यहूदी संस्कृति में वाइन का विशेष महत्व है और इसे कई त्योहारों और उत्सवों में उपयोग किया जाता है. लेकिन ये भी जान लें कि इस समुदाय के लोग वाइन का उपयोग बहुत ही सीमित मात्रा में करते हैं कुछ समुदायों में ग्रेप जूस का भी उपयोग किया जाता है. वाइन का उपयोग एक धार्मिक अनुष्ठान के रूप में किया जाता है और इसका कोई अन्य अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए. यहूदी धर्म में शादी में वाइन का उपयोग एक पवित्र अनुष्ठान माना जाता है. यह शादी के बंधन को पवित्र बनाने और इसे परमात्मा के सामने समर्पित करने का प्रतीक है.
इसके अलावा, खुपे और सेवेन बेराखोट नाम की दो और परंपराएं यहूदी धर्म में शादी के दौरान की जाती हैं. खुपे एक अनुबंध है जिसे दूल्हा और दुल्हन के बीच हस्ताक्षरित किया जाता है. सेवेन बेराखोट सात आशीर्वादों का एक समूह है जो दूल्हा और दुल्हन को दिया जाता है.
शादी के बाद तोड़ते हैं गिलास (Why Is a Glass Broken at Jewish Weddings?)
ऐसा भी कहा जाता है कि जिस गिलास से दूल्हा और दुल्हन वाइन पीते हैं उसे बाद में दूल्हा अपने पांव से तोड़ देता है, फिर उसी गिलास के टुकड़ों को देखकर ये प्रिडिक्शन किया जाता है कि ये शादी कितने साल चलेगी. हालांकि ये एक अंधविश्वास है लेकिन लोग शादी के दौरान इस परंपरा को खूब इन्जॉय करते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)