Vrishchik Sankranti 2024: वृश्चिक संक्रांति के साथ ही हिंदू पंचांग के अनुसार हेमंत ऋतु का आगमन होता है. यह वह समय होता है जब प्रकृति धीरे-धीरे अपनी गति को कम करती है और सर्दी का आगमन होता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य के वृश्चिक राशि में प्रवेश करने से ग्रहों की स्थिति में परिवर्तन होता है जो हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करता है. आइए जानते हैं कि वृश्चिक संक्रांति और हेमंत ऋतु का मानव जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है.
मानव जीवन पर प्रभाव
हेमंत ऋतु में मौसम का परिवर्तन हमारे मनोदशा को भी प्रभावित करता है. कुछ लोगों को सर्दी के मौसम में उदासी या अवसाद महसूस हो सकता है. वृश्चिक राशि का प्रभाव भी भावनाओं को गहरा बना सकता है. सर्दी के मौसम में हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है जिससे सर्दी, खांसी और अन्य मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. हेमंत ऋतु को आध्यात्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस समय ध्यान, योग और आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए अनुकूल माना जाता है. इस ऋतु में लोग घरों में अधिक समय बिताते हैं जिससे परिवार और दोस्तों के साथ संबंध मजबूत होते हैं.
ज्योतिषीय दृष्टिकोण
वृश्चिक राशि भावनाओं, गहराई और रहस्यों से जुड़ी है. सूर्य के इस राशि में प्रवेश करने से लोग अधिक भावुक और अंतर्मुखी हो सकते हैं. वृश्चिक संक्रांति के समय अन्य ग्रहों की स्थिति भी महत्वपूर्ण होती है. ये ग्रह हमारे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों को प्रभावित कर सकते हैं, जैसे कि करियर, स्वास्थ्य, संबंध आदि. गर्म कपड़े पहनें, गर्म भोजन करें और नियमित रूप से व्यायाम करें. आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए ये ऋतु उत्तम मानी जाती है. ध्यान, योग और भजन-कीर्तन जैसी गतिविधियां आपके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकती हैं. परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं: सर्दी के मौसम में घर पर रहकर परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं. नकारात्मक विचारों से बचें और सकारात्मक रहें. वृश्चिक संक्रांति और हेमंत ऋतु हमारे जीवन पर कई तरह से प्रभाव डालती है. हमें इस मौसम का आनंद लेते हुए अपने स्वास्थ्य और मानसिक शांति का ध्यान रखना चाहिए.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)