Kashi Vishwanath Mandir: काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी में स्थित एक प्रमुख हिंदू मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है. यह मंदिर एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है और यहां प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु पूजा और दर्शन के लिए आते हैं. यादव बंधुओं द्वारा काशी विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक का आयोजन विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है. राणसी में सावन के पहले सोमवार पर यादव बंधुओ के बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक की परंपरा धूमधाम से निभाई गयी. इस परंपरा का निर्वाहन आज भी बड़े ही पूरे उत्साह के साथ किया जाता है. इस दौरान भगवान शिव के प्रतकात्मक रूप में यादव बंधु नजर आए. शिव की नगरी काशी में पिछले कई दशकों से ये परंपरा निभायी जा रही है. काशी के सभी प्रमुख शिवालयों में सैकड़ों की संख्या में यादव बंधू देवाधिदेव महादेव का ज़लाभिषेक करते हैं. सावन के पहले सोमवार को भक्ति और श्रद्धा में डूबे यादव बंधुओं ने काशी विश्वनाथ के दरबार सहित कई शिव मंदिरों में हाजिरी लगाई इस दौरान इस बार बाबा के गर्भगृह के अंदर सिर्फ 21 यादवों को प्रवेश मिला, जिले लेकर लेकर उनमे रोष भी देखने को मिला.
यादव बंधुओं द्वारा जलाभिषेक की परंपरा का महत्व
वाराणसी के प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर में हर साल सावन के पहले सोमवार को यादव बंधुओं द्वारा जलाभिषेक की परंपरा निभाई जाती है. यह परंपरा सदियों पुरानी है और माना जाता है कि भगवान शिव ने स्वयं यादवों को यह वर दिया था. सावन के पहले सोमवार को, यादव बंधु गंगा नदी से जल लेकर मंदिर जाते हैं. वे भगवान शिव की ज्योतिर्लिंग पर जल चढ़ाते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं. इस अवसर पर, मंदिर में विशेष व्यवस्था की जाती है और हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए उमड़ते हैं. यह परंपरा यादव समुदाय के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. यह भगवान शिव के प्रति उनकी श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है. साथ ही, यह सामाजिक सद्भाव और भाईचारे का भी संदेश देता है.
वाराणसी, उत्तर प्रदेश का काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. यह मंदिर कई बार पुनर्निर्मित हुआ है, और वर्तमान संरचना 1780 में महारानी अहिल्याबाई होल्कर द्वारा बनवाई गई थी. ऐसा माना जाता है कि जलाभिषेक करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. यादव बंधुओं द्वारा आयोजित जलाभिषेक विशेष धार्मिक आयोजन होता है, जिसमें यादव समुदाय के लोग मिलकर भगवान शिव की आराधना करते हैं.
यादव समुदाय के लोग इस आयोजन के माध्यम से एकजुट होते हैं और धार्मिक गतिविधियों में भाग लेते हैं. जलाभिषेक करने से व्यक्ति की आत्मा को शांति मिलती है और वह आध्यात्मिक रूप से उन्नत होता है. इस तरह के आयोजन से समुदाय में सामाजिक सहयोग और भाईचारा बढ़ता है.
जलाभिषेक करने की विधि
जलाभिषेक करने से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें. मंदिर में शिवलिंग के सामने दीपक और धूप जलाएं. श्रद्धा और भक्ति के साथ शिवलिंग पर जल अर्पित करें. "ॐ नमः शिवाय" या "ॐ त्र्यम्बकं यजामहे" मंत्र का जाप करें.
यादव बंधुओं का काशी विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक एक विशेष धार्मिक उत्सव होता है, जिसमें यादव समुदाय के लोग भगवान शिव की आराधना करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. यह आयोजन धार्मिक आस्था, समुदायिक एकता और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक है. इसे यदुवंश का विशेष धार्मिक उत्सव भी कहा जाता है. काशी विश्वनाथ मंदिर में यादव बंधुओं द्वारा जलाभिषेक करना भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाने का एक उत्तम उपाय है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau