Yamraj Teaches: हिंदू धर्म में यमराज जी को मृत्यु के देवता के रूप में पूजा जाता है. वे कर्मों के आधार पर लोगों को उनके कर्मों का फल देते हैं. प्राचीन कथाओं और पुराणों में यमराज जी के उपदेश और उनके द्वारा दी गई शिक्षाओं का बहुत महत्व है. उनमें से एक शिक्षा यह भी है कि चाहे कितने भी करीबी और सगे क्यों न हों कुछ लोग जीवन में धोखा अवश्य देते हैं. आइए जानते हैं यमराज जी के अनुसार ऐसे चार प्रकार के लोग कौन होते हैं जो जीवन में विश्वासघात करते हैं.
1. लालची व्यक्ति (धन-लोभी)
धन की भूख इंसान को अंधा बना देती है. यमराज जी के अनुसार, लालची व्यक्ति किसी का भी अपना नहीं होता. जब उसे धन-संपत्ति का लालच होता है, तब वह अपने रिश्तों और भावनाओं की परवाह नहीं करता. ऐसे व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए दूसरों को धोखा देने से पीछे नहीं हटते. चाहे वह कोई करीबी मित्र हो, रिश्तेदार हो या सगा भाई-बहन, धन के लोभ में पड़कर ऐसे व्यक्ति किसी को भी धोखा दे सकते हैं. इसलिए लालची व्यक्ति से हमेशा सावधान रहना चाहिए.
2. स्वार्थी व्यक्ति
स्वार्थ से भरा हुआ व्यक्ति सिर्फ अपने फायदे के बारे में सोचता है. वह तब तक आपका साथ देगा जब तक उसे आपसे लाभ मिल रहा है, लेकिन जैसे ही उसका स्वार्थ पूरा हो जाता है, वह आपको धोखा देने में देर नहीं करेगा. स्वार्थी व्यक्ति अपने रिश्तों की कद्र नहीं करता और दूसरों की भावनाओं का सम्मान भी नहीं करता. यमराज जी कहते हैं कि ऐसे व्यक्ति पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए, क्योंकि वह अपने लाभ के लिए किसी को भी धोखा दे सकता है.
3. ईर्ष्यालु व्यक्ति
ईर्ष्या या जलन का भाव रखने वाले व्यक्ति का मन हमेशा दूसरों की सफलता से परेशान रहता है. वे अपनी असफलताओं का दोष दूसरों पर डालते हैं और उनकी प्रगति से जलते हैं. ऐसे व्यक्ति आपके करीब आ सकते हैं, आपकी सफलता का दिखावटी जश्न भी मना सकते हैं, लेकिन भीतर से वे आपकी असफलता की कामना करते हैं. यमराज जी के अनुसार, ईर्ष्यालु व्यक्ति आपके साथ विश्वासघात कर सकता है और आपकी पीठ पीछे साजिश भी रच सकता है.
4. अविश्वासी व्यक्ति
यमराज जी के अनुसार, एक अविश्वासी व्यक्ति वह होता है, जो रिश्तों में विश्वास और सच्चाई की कमी रखता है. वह खुद पर और दूसरों पर भरोसा नहीं करता, और हमेशा शंका और संदेह के वातावरण में जीता है. ऐसे व्यक्ति कभी भी सच्चे दोस्त या रिश्तेदार नहीं हो सकते, क्योंकि उनके मन में हमेशा धोखा देने की प्रवृत्ति होती है. वे किसी पर भी भरोसा नहीं करते और खुद भी दूसरों को धोखा देने से नहीं चूकते.
क्यों देते हैं ये लोग धोखा और इनसे कैसे बचें?
यमराज जी के अनुसार, इन चारों प्रकार के लोग अपने स्वार्थ, लालच, ईर्ष्या, और अविश्वास के कारण धोखा देते हैं. इन लोगों का उद्देश्य केवल अपने हित को साधना होता है, चाहे इसके लिए उन्हें कितने भी करीबी और सगे लोगों को धोखा क्यों न देना पड़े. जब इंसान के भीतर नकारात्मक भावनाएं बढ़ जाती हैं, तो वह अपने परिवार, दोस्तों और करीबी रिश्तेदारों के साथ भी विश्वासघात करने लगता है. यमराज जी की शिक्षा यह है कि हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए और अपने जीवन में ऐसे लोगों की पहचान करनी चाहिए. यदि हम समझदारी और सूझबूझ से काम लें, तो इन धोखेबाजों से बच सकते हैं. अपने आस-पास के लोगों के व्यवहार और उनके इरादों को समझें और उनके छल और धोखे से बचने के लिए सतर्क रहें.
यमराज जी के अनुसार, चाहे कितने भी सगे क्यों न हों, लालची, स्वार्थी, ईर्ष्यालु और अविश्वासी लोग जीवन में धोखा अवश्य देते हैं. इन लोगों के साथ सतर्क रहना जरूरी है, क्योंकि वे आपकी भलाई की जगह अपने स्वार्थ को प्राथमिकता देते हैं. इसलिए, ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखना ही सबसे उचित उपाय है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)