Yashoda Jayanti 2024: यशोदा जयंती भगवान कृष्ण की पालन माता यशोदा के जन्म का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है. यह फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. इस बार यशोदा जयंती फाल्गुन माह में 01 मार्च 2024 को मनाई जाएगी. यशोदा जयंती मनाने के कई तरीके हैं. इस दिन जहां कुछ लोग व्रत रखते हैं तो वहीं कुछ लोग इस दिन मंदिरों में जाते हैं और पूजा करते हैं. यशोदा जयंती पर भक्त अपने घरों को भी सजाते हैं और विशेष भोजन तैयार करते हैं. आइए जानते हैं यशोदा जयंती पूजा शुभ मूहूर्त, पूजा विधि और महत्व.
यशोदा जयंती का समय
1 मार्च 2024 दिन शुक्रवार को षष्ठी तिथि है सुबह 6 बजकर 21 मिनट से लेकर अगले दिन 02 मार्च 2024 को सुबह 7 बजकर 53 मिनट तक रहेगी.
यशोदा जयंती की पूजा विधि
यशोदा जयंती के दिन भगवान कृष्ण के बाल रूप तस्वीर या फिर कोई ऐसी फोटो जिसमें मां यशोदा की गोद में कान्हा हों, पूजा स्थल पर लगाएं. इसके बाद धूप-दीप जलाकर, रोली-चावल से उनकी टीका करें और पुष्प अर्पित करें. अब चंदन और रोली माता को लगाएं और पान-सुपारी अर्पित करें. फिर भगवान कृष्ण का पसंदीदा भोग उन्हें चढ़ाएं और आखिरी में उनकी आरती करें.
क्यों मनाई जाती है यशोदा जयंती?
यशोदा जयंती मनाने के पीछे एक लोकप्रिय कहानी है. कहा जाता है कि जब भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था तो उन्हें कंस से बचाने के लिए उन्हें यशोदा और नंद के घर में बदल दिया गया था. यशोदा ने कृष्ण को अपना बेटा माना और उसे बहुत प्यार और स्नेह दिया. यशोदा जयंती मातृत्व और प्रेम का त्योहार है. यह एक ऐसा समय है जब लोग अपनी माताओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं और उनके प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद देते हैं.
यशोदा जयंती महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यशोदा जयंती के दिन माता यशोदा के साथ भगवान कृष्ण की विधिपूर्वक पूजा करने से जातक के सारे दुख दूर हो जाते हैं. इसके अलावा इस दिन पूजा करने से
संतान सुख की प्राप्ति होती है और घर में खुशियों का आगमन होता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
Source : News Nation Bureau