Yogi Sahab Ram Ram: भारत धर्म निरपेक्ष देश है. यहां हिंदुओं की जनसंख्या अन्य जाति या समुदाय के लोगों से कहीं ज्यादा है. इस समय देश में बीजेपी की सरकार है. महाराष्ट्र के वाशिम में सीएम योगी एक चुनावी रैली को संबोधित करने पहुंचे थे. जहां उन्होंने महाराष्ट्र में कश्मीर का किस्सा सुनाया और इस किस्से में एक मौलवी की जिक्र करते हुए उन्होने लोगों को समझाया कि बंटिए मत, एकजुट रहें सुरक्षित रहें. यहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जम्मू-कश्मीर के एयरपोर्ट पर मिले एक मौलवी का किस्सा साझा किया. इस किस्से के माध्यम से उन्होने लोगों को बताया कि वहां से धारा 370 हटने के बाद लोगों किस तरह की बातें करने लगे हैं. सीएम योगी ने बताया (The story of the Maulvi who met CM Yogi), जब मैं जम्मू एयरपोर्ट पर उतरा, तो वहां एक मौलवी ने मुझे 'राम-राम' कहा. ये सुनकर एयरपोर्ट के अधिकारी भी हैरान थे. मैंने उनसे कहा- आश्चर्यचकित मत होइए, ये धारा 370 हटने का प्रभाव है. वैसे आपको बता दें कि योगी आदित्यनाथ ने यह किस्सा पहले भी हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान एक रैली में सुनाया था.
नए भारत की तस्वीर का जिक्र करते हुए उन्होने कई बातें लोगों से कही. योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के विकास के बारे में बात करते हुए कहा कि नया भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है. यह भारत किसी के सामने झुकने या पीछे हटने वाला नहीं है. उन्होंने औरंगाबाद शहर का नाम बदलने पर कहा, अफजल खान, जिसे छत्रपति शिवाजी महाराज ने हराया था, उसके नाम पर शहर का नाम रखना शर्म की बात है. उसे हटाकर छत्रपति संभाजी महाराज के नाम पर रखना गर्व का विषय है.
रैली में योगी ने अयोध्या, काशी, और मथुरा की भी बात की और कहा, "अभी हाल ही में भगवान राम ने अयोध्या में दीवाली का आनंद लिया है, और पूरी दुनिया ने देखा कि कैसे अयोध्या दीपों से जगमगा उठी. यह तो बस शुरुआत है. अब हम काशी और मथुरा की तरफ भी बढ़ चुके हैं."
उन्होंने लोगों से अपील की, "बंटिए मत, क्योंकि जब भी बंटे थे तो कटे थे. एकजुट रहिए, क्योंकि एकजुट रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे. जातियों में मत बंटना, अपनी ताकत का एहसास करवाइए." 20 नवंबर को महाराष्ट्र में सभी 288 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में मतदान होने वाला है जिसकी मतगणना 23 नवंबर को होगी. बदलते भारत की जिस तस्वीर के बारे में सीएम योगी ने इस रैली में बात की है, उसके बाद अब महाराष्ट्र चुनाव के नतीजे ही ये साफ करेंगे कि लोग उनकी बात का कितना समर्थन करते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)