Kamika Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है, और कामिका एकादशी इनमें से एक प्रमुख व्रत है. यह व्रत सावन माह के 11वें दिन पड़ता है. इस वर्ष यह व्रत 31 जुलाई, 2024 को मनाया जाएगा. कामिका एकादशी भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है. इस दिन भक्त पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा करते हैं. मान्यता है कि इस व्रत का पालन करने से सुख, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
पूजा सामग्री
कामिका एकादशी की पूजा विधि में इन सामग्री का होता है उपयोग
- चौकी
- पीला या लाल वस्त्र
- ऋतु फल
- दूध-दही
- शहद
- गोपी चंदन
- हल्दी
- फूल
- लौंग
- आम का पत्ता
- नारियल और सुपारी
- पान
- धूप
- दीप
- दीया
- घी
- पीला चंदन
- अक्षत
- कुमकुम मिठाई
- तुलसी दल
- पंचमेवा
- गंगाजल
- शुद्ध जल
- हवन कुंड
- हवन सामग्री
- एकादशी कथा की पुस्तक
- देवी लक्ष्मी के शृंगार की सामग्री
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धार्मिक महत्व
कामिका एकादशी का हिंदू धर्म में बड़ा महत्व है. यह दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है. सावन माह में आने के कारण यह अत्यधिक फलदायी माना जाता है. यह चतुर्मास के दौरान पड़ने वाली पहली एकादशी भी है, जो इसे और भी विशेष बनाती है. मान्यता है कि जो भक्त पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ इस व्रत को रखते हैं, उन्हें अपने बुरे कर्मों से छुटकारा मिलता है और जाने-अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है.
व्रत का फल
कहा जाता है कि कामिका एकादशी का व्रत करने से भगवान विष्णु के निवास स्थान वैकुंठ धाम में स्थान मिलता है और अश्वमेघ यज्ञ के समान फल मिलता है. इसलिए भक्तों को यह व्रत पवित्रता और श्रद्धा से करना चाहिए.
विष्णु जी को भोग
भगवान विष्णु को पंचामृत और पंजीरी का भोग अर्पित किया जाता है.
कामिका एकादशी का व्रत रखते समय भक्तों को संयम, नियम और पवित्रता का पालन करना चाहिए. इस व्रत के दौरान किए गए पुण्य कर्मों से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाते हैं.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)