देशभर में हनुमान जयंती धूमधाम के साथ मनाई जा रही है. लोग बड़े ही श्रद्धा-भाव से सिद्धिपीठ हनुमान मंदिर पहुंच रहे है. सुबह से हनुमान मंदिरों में दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है. विश्व में भक्ति और शक्ति के आदर्श वीर हनुमान भगवान राम के भक्त थे. माता अंजनि के पुत्र हनुमान को पवन पुत्र कहा जाता है. धर्म शास्त्रों के अनुसार चैत्र मास की पूर्णिमा के दिन भगवान हनुमान का जन्म हुआ था. इस पर्व को हनुमान जयंती के रूप में पूरे देश में मनाया जाता है. हनुमान भक्तों के लिए कहा जाता है कि इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है. हनुमान जी को भगवान शिव के अवतार के रुप में भी जाना जाता है.
हनुमान जयंती के मौके पर आप हनुमान आरती का भी विशेष महत्व होता है.
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हनुमान जी की आरती-
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।।
अनजानी पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।
दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए।
लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।
लंका जारी असुर संहारे। सियारामजी के काज संवारे।
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आणि संजीवन प्राण उबारे।
पैठी पताल तोरि जम कारे। अहिरावण की भुजा उखाड़े।
बाएं भुजा असुरदल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे।
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे। जै जै जै हनुमान उचारे।
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई।
लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई। तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।
जो हनुमान जी की आरती गावै। बसी बैकुंठ परमपद पावै।
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।
Source : News Nation Bureau