रामभक्त, वह उपाधि जो हनुमान जी के नाम को सम्पूर्ण बनाती है. हिंदू धर्म में अनेकों भगवान, देवी-देवताओं के भक्त हुए हैं लेकिन भक्त हनुमान जैसा कोई नहीं. भगवान राम और हनुमान जी की ऐसी जोड़ी है जो एक दूसरे के बिना पूर्ण नहीं. राम बिना हनुमान अधूरे और हनुमान बिना राम.
हिन्दू धर्म में हनुमान जी को वीरता, भक्ति और साहस का परिचायक माना जाता है. वो संकटमोचन हैं और जगत का कष्ट हरते हैं. माना जाता है कि वो अजर और अमर भी हैं और इस कलयुग में भी जीवित हैं. कलयुग यानि पाप, दुष्कर्म और असत्य का युग, ऐसे युग में सभी बुराइयों से लड़ने के लिए हनुमान जी का अस्तित्व बाकी है. कहा जाता है कि त्रेता युग में ही भगवान राम ने भक्त हनुमान को कलयुग में धरती की रक्षा करने का कार्यभार सौंपा था जिसे वो अभी तक वहन करते आ रहे हैं. मान्यता है कि हनुमान जी कलयुग में भी इस धरती पर हैं. संकटकाल के समय मनुष्य के पास हैं, इसलिए मनुष्य को चाहिए कि वो हनुमान जी की पूजा अवश्य करें.
कलयुग में क्यों करनी चाहिए रामभक्त हनुमान की पूजा-
हनुमान चालीसा में उद्धत चौपाई, "संकट कटे मिटे सब पीरा जो सुमिरै हनुमत बलबीरा" स्वंय में उनकी आराधना का सार है. जीवन में आने वाला कोई भी संकट हनुमान के नाम मात्र से ही कट जाता है. रोग, पाप और संताप सबके नाशक है बजरंग बलि. बल, बुद्धि और विद्या देने वाले है बजरंग बलि. वो भक्तों की भक्ति स्वीकार करते हैं, उनकी रक्षा और मार्गदर्शन करते हैं, ठीक उसी प्रकार जैसे भगवान राम उनका मार्गदर्शन करते है. इसलिए कलयुग में हनुमान जी की पूजा का महत्व माना गया है.
ऐसे करें हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ.
हनुमान चालीसा का पाठ कभी भी किया जा सकता है. इसे 11, 7, 5 या 3 बार पढ़ना चाहिए. अगर समय की कमी के चलते इतनी बार नहीं पढ़ पा रहे हैं तो दिन में एक बार अवश्य पढ़ें. यदि दिन में एक बार भी नहीं पढ़ पा रहे है तो, 'संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा' चौपाई को 11 या फिर 21 बार अवश्य पढ़ें. अपनी आवश्यक्ता अनुसार हनुमान चालीसा का कोई अन्य चौपाई भी पढ़ सकते हैं. साथ ही यदि बजरंग बाण का पाठ एक बार में पूरा नहीं कर पा रहे तो उसे दो बार में पढ़ें.
कैसे करें कलयुग में हनुमान जी की पूजा
मगंलवार और शनिवार को हनुमान जी का विशेष दिन बताया गया है. इस दिन हनुमान जी की पूजा करने का प्रावधान है. इस दिन हनुमान जी को लाल फूल चढ़ाएं, उसके बाद सिंदूर चढ़ाकर, मिष्ठान में लड्डू या गुड़ चढाएं. शुद्ध घी का दीपक जलाकर उनकी उपासना करें. इसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ करें. शनिवार को भी इसी पूजन विधि को अपना सकते हैं.
शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से भगवान शनि भी प्रसन्न होते हैं. कोई मनोकामना यदि काफ़ी समय से पूरी नहीं हो रही है तो मंगलवार के दिन हनुमान जी को चोला या फिर पताका अर्पित करें.
हनुमान जी की पूजा से होते हैं यह फ़ायदे
- बीमारियों से मुक्ति मिलती है.
- मनुष्य बलशाली होता है.
- बुद्धि तेज होती है.
- मनुष्य भयमुक्त हो जाता है.
- दुश्मनों का नाश होता है
- जीवन में सफलता मिलती है.
Source : Rashmi Sinha