हिंदू धर्म में जन्माष्टमी का काफी महत्व है. देशभर में जन्माष्टमी बड़े धूमधाम से मनाई जाती है. मंदिरों में भक्तों को तातां लगा रहता है. खास कर कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा का नजारा देखने लायक होता है. जन्माष्टमी पर रात के 12 बजते ही बस कानों में एक ही स्वर गूंजता है, ' नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की'.
कब है जन्माष्टमी?
मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास (भादो माह) की कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन हुआ था. इस साल ये तिथि 23 अगस्त को पड़ रही है. ऐसे में जन्माष्टमी का त्योहार 23 अगस्त को मनाया जाएगा. लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि जन्माष्टमी 24 अगस्त को मनाई जाएगी.
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क्यों मनाई जाती है जनमाष्टमी?
जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है. पौराणिक मान्याताओं के अनुसार द्वापर युग मथुरा में कंस नाम का राजा था और उनकी एक चचेरी बहन देवकी थी. कंस अपनी बहन देवकी से बेहद प्यार करता था. उन्होंने उनका विवाह वासुदेव नाम के राजकुमार से हुआ था. देवकी के विवाह के कुछ दिन पश्चात ही कंस को ये आकाशवाणी हुई की देवकी की आठवीं संतान उसका काल बनेगा. यह सुनकर कंस तिलमिला गए और उसने अपनी बहन को मारने के लिए तलवार उठा ली, लेकिन वासुदेव ने कंस को वादा किया कि वो अपनी आठों संतान उसे दे देंगे मगर वो देवकी को ना मारे.
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इसके बाद कंस ने देवकी और वासुदेव को मथुरा के ही कारागार में डाल दिया। देवकी के सातों संतान को कंस ने बारी-बारी कर के मार डाला। जब देवकी ने आठवीं संतान के रूप में श्रीकृष्ण को जन्म दिया तो उन्हें कंस के प्रकोप से बचाने के लिए गोकुल में अपने दोस्त नंद के यहां भिजवा दिया।
कहते है कृष्ण के जन्म के समय उस रात कारागार में मौजूद सभी लोग निंद्रासन में चले गए थे।