हिंदू धर्म में कजरी तीज का काफी महत्व है. सुहागिनें इस दिन पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती है और माता कजरी की पूजा अर्जना करती हैं. दरअसल ये त्योहार माता पार्वती के कजरी स्वरूप को समर्पित होता है इसलिए इसे कजरी तीज कहा जाता है. ये त्योहार हर साल भाद्र मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया को पड़ता है. इस साल ये त्योहार 18 अगस्त को मनाया जाएगा. विवाहित महिलाएं इस दिन श्रृंगार कर माता पार्वती के कजरी स्वरूप की श्रद्धाभाव से पूजा करती हैं और अपने पति की लंबी आयु की दुआ मांगती हैं. कुंवारी लड़कियां भी मनपसंद वर पाने के लिए व्रत रखती हैं.
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क्या है शुभ मुहूर्त
भाद्र मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि 17 अगस्त रात 10.48 पर शुरू होगी और 19 अगस्त रात 1.13 बजे खत्म होगी.
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क्यों मनाते हैं कजरी तीज का त्योहार?
मान्यता है कि भगवान शिव को वर के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने 108 सालों तक कठिन तपस्या की थी. इसके बाद भगवान शिव ने इसी दिन माता पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. इसके बाद से ही इस दिन को कजरी तीज के रूप में मनाया जाने लगा. सुहागिन महिलाएं कजरी तीज के मौके पर मेहंदी लगाती हैं. पूरे दिन व्रत रखती हैं, सोलह श्रृंगार करके वो भगवान शिव और पार्वती माता को पूजते हैं और सदा सुहागिन रहने का आशीर्वाद मांगते हैं.
Source : News Nation Bureau