आज मौनी अमावस्या है जो इस बार अद्भुत संयोग के साथ सोमवार को मनाई जा रही है. यह मौनी अमावस्या कई शुभ योगों के साथ बेहद खास है. क्योंकि ऐसा कई वर्षों बाद हो रहा है कि जब कुम्भ मेला चल रहा हो और मौनी अमावस्या सोमवार को हो. इस बार की अमावस्या, सोमवारी अमावस्या भी है. मौनी अमावस्या और प्रयागराज कुम्भ 2019 का दूसरा शाही स्नान होने के कारण सोमवार को संगम तट पर आस्था की पवित्र डुबकी लगाने वालों की भारी भीड़ जुटने की संभावना है. संगम नगरी प्रयागराज में आज से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ कुंभ स्नान के लिए पहुंच रही है. प्रयागराज प्रसाशन ने इसके लिए काफी ज्यादा तैयारियां की हैं. प्रयागराज कुंभ के अलावा सोमवती अमावस्या को लोग हरिद्वार, वाराणसी और गंगासागर में भी डुबकी लगाएंगे.
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आज क्या करें और कैसे करें
1. प्रातःकाल में नदी, सरोवर या पवित्र कुंड में स्नान करना चाहिए. स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए.
2. इस दिन व्रत रखकर जहां तक संभव हो मौन रहना चाहिए. गरीब व भूखे व्यक्ति को भोजन जरूर कराना चाहिए.
3. अनाज, वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, पलंग, घी और गौशाला में भोजन दान करें.
4. आर्थिक रूप से संपन्न हैं तो गौ दान, स्वर्ण दान या भूमि दान भी कर सकते हैं.
5. माघ अमावस्या पर भी पितरों को याद करें, इससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.
क्या है इसका महत्व
माघ अमावस्या पर मौन रहने का विशेष महत्व है. वहीं यदि मौन रहना संभव न हो तो अपने मुख से कटु वचन न बोलें. वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक कहा गया है और अमावस्या के दिन चंद्र दर्शन नहीं होते हैं. इससे मन की स्थिति कमजोर रहती है. इसलिए इस दिन मौन व्रत रखकर मन को संयम में रखने का विधान बताया गया है. इस दिन भगवान विष्णु और शिव दोनों की पूजा का विधान भी है.
बता दें कि मौनी अमावस्या के मौके पर प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेले में अखाड़ों का शाही स्नान शुरू हो गया है. सभी 13 अखाड़ों के साधु संतों के लिए शाम 4:30 बजे तक का समय शाही स्नान के लिए है. वहीं बताया जा रहा है कि कुंभ में आज 4 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान है.
Source : News Nation Bureau