हिंदु धर्म में एकादशी का काफी महत्व होता है. इसपर सावन माह में पड़ने वाली एकादशी का महत्व और भी ज्यादा होता है. सावन महीने के कृष्णपक्ष में पड़ने वाली एकादशी को कामिका एकादशी (kamika Ekasashi) कहा जाता है. इस साल ये एकादशी 28 जून को पड़ रही है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से व्रत करन से सभी परेशानियों का अंत हो जाता है और उन्हें हर काम में सफलता मिलती है. इस दिन व्रत करने से अश्वमेघ यज्ञ करने के बराबर फल मिलता है. पुराणों के अनुसार भगवान कृष्ण ने खुद इस एकादशी के व्रत के महत्व के बारे में युधिष्ठर को बताया था. कृष्ण ने कहा था कि इस एकादशी का व्रत रखने वाले को अश्वमेध यज्ञ करने के बराबर फल की प्राप्ति होती है.
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माना जाता है कि कामिका एकादशी के दिन व्रत रखने वालों को पाप से मुक्ति मिल जाती है. कहा गया है कि सावन में भगवान विष्णु को पूजने से देवता,गन्धर्वों और नागों की पूजा भी हो जाती है.
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पूजा करने की विधि
कामिका एकादशी के दिन पीले रंग का काफी महत्व होता है. एकादशी के दिन सुबह नहा-धोकर पीले रंग के वस्त्र पहन कर भगवान विष्णु का ध्यान कर व्रत का संकल्प लें. भगवान विष्णु की मूर्ति शुद्ध जल से स्नान करा कर, और फिर फिले फल-फूल, तिल दूध और पंचामृत आदि का चढ़ाएं. पूरे दिन सहस्त्रनाम का पाठ अवश्य करें. इसके साथ इस दिन इस दिन भगवान विष्णु के मन्त्र 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' का यथासंभव जप करें
Source : News Nation Bureau