कुंभ मेला 2019 अपने अंतिम पड़ाव की ओर आगे बढ़ रहा है. 15 जनवरी को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में शुरू हुए भव्य कुंभ का आयोजन 4 मार्च तक चलेगा. योगी आदित्यनाथ की देख-रेख में हो रहे कुंभ के आयोजन में करोड़ों श्रद्धालुओ ने हिस्सा लिया. कुंभ में आस्था के संगम को देखने के लिए भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कोने-कोने से श्रद्धालु लगातार आ रहे हैं. हर बार की तरह इस बार फिर भी कुंभ में देश भर के विभिन्न अखाड़ों के साधु-संतों का जबरदस्त जमावड़ा देखने को मिला. कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के बीच साधु-संतों आकर्षण का केंद्र बने रहे. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे के बताने जा रहे हैं, जो एक अघोरी हैं. जी हां, प्रत्यंगीरा नाथ नाम की ये महिला अघोरी फिलहाल कुंभ में ही हैं. हैरानी की बात ये है कि प्रत्यंगीरा नाथ एक पढ़ी-लिखी होने के साथ-साथ शादीशुदा भी हैं.
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मूल रूप से तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद की रहने वाली यह महिला अघोरी कंप्यूटर एप्लीकेशन में ग्रेजुएट हैं. इतना ही नहीं प्रत्यंगीरा ने एचआर में एमबीए भी कर रखी हैं. वे एक सॉफ्टवेयर कंपनी में जॉब भी कर चुकी हैं. 2007 में शादी के बंधन में बंधी प्रत्यंगीरा की एक बेटी भी हैं. लेकिन 8 साल पहले ही उन्होंने सभी दुनियादारी और पारिवारिक मोह-माया को त्यागकर शिव की साधमा में जुट गईं. आमतौर पर हमारे देश में श्मशान घाट या कब्रिस्तान में महिलाओं का प्रवेश वर्जित होता है. लेकिन ये महिला अघोरी श्मशान में ही बैठकर भगवान शिव की साधना में लीन रहती हैं. नरमुंडों और रुद्राक्ष की माला पहनने के साथ ही प्रत्यंगीरा अन्य अघोरियों की तरह ही काले कपड़े भी पहनती हैं.
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पूरा परिवार और सुख-दुख त्याग चुकीं प्रत्यंगीरा का कहना है कि उन्होंने समाज के कल्याण के लिए अघोरियों का रास्ता चुना. महिला अघोरी ने बताया कि वे लोगों की मदद करना चाहती हैं. और सिर पर भी काले रंग की पगड़ी और एक विशेष अंगूठी धारण करती हैं। प्रत्यंगीरा सिर्फ रात में ही भगवान शिव और मां काली की साधना करती हैं। इस महिला अघोरी का कहना है कि वो लोगों के कल्याण के लिए ही अघोरी बनी हैं। लोगों की मदद की इच्छा रखने वाली महिला का कहना है कि वे अपनी दैवीय शक्तियों से लोगों को सभी दुख-दर्द को दूर रखना चाहती हैं. रात में 11 बजे से शुरू होने वाली भगवान शिव और काली मां की साधना आधी रात 3-4 बजे तक चलती है. कुंभ में आने वाले कई श्रद्धालु प्रत्यंगीरा नाथ के दर्शन कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं.
Source : Sunil Chaurasia