हरिद्वार में 1 अप्रैल से आम लोगों के लिए कुंभ की औपचारिक शुरूआत होने जा रही है. कोरोना वायरस महामारी के बीच इस महायज्ञ के लिए उत्तराखंड सरकार ने एसओपी (SOP) जारी कर दिया है. कुंभ मेले में प्रवेश के लिए 26 फरवरी की गाइडलाइन ही लागू होगी. यानी अब 72 घंटे पुरानी RT- PCR नेगेटिव रिपोर्ट के साथ ही श्रद्धालुओं को कुंभ में प्रवेश मिलेगा. होटल और धर्मशाला में भी अनिवार्य रूप से कोविड 19 RT-PCR नेगेटिव रिपोर्ट चैक की जाएगी. कुंभ मेला क्षेत्र में भागवत, भजन और सामूहिक गान पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा.
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उत्तराखंड सरकार के एसओपी (SOP) के अनुसार, हरिद्वार जनपद के बॉडर्स पर ही कोविड रिपोर्ट चेक की जाएगी. बस स्टेशन और रेलवे स्टेशन पर भी कोविड रिपोर्ट चेक होगी. इतना ही नहीं, श्रद्धालुओं को कुंभ में भाग लेने के लिए www.haridwarkumbhmela2021.com में अनिवार्य रूप से कराना रजिस्ट्रेशन होगा. बिना रजिस्ट्रेशन कुम्भ में प्रवेश नहीं होगा. साथ ही मास्क का प्रयोग नहीं करने वाले लोगों के चालान होंगे. जबकि निर्धन लोगों को निशुल्क मास्क दिया जाएगा. सभी घाटों पर अनिवार्य रूप से सेनिटाइजर की व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं.
इस वर्ष कुंभ मेले का आयोजन 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक किया जा रहा है. तीन 'शाही स्नान' अप्रैल में किए जाएंगे. 12 और 14 अप्रैल को सभी 13 अखाड़े पवित्र डुबकी लगाएंगे, जबकि 27 अप्रैल को बैरागी अखाड़ा पवित्र डुबकी लगाएगा. स्वास्थ्य व्यवस्था के अनुसार, थर्मल स्क्रीनिंग के लिए 100 टीमों का गठन किया गया है, जबकि कोविड-19 परीक्षण करने वाली टीमों की संख्या 40 से बढ़ाकर 50 कर दी गई है और एंबुलेंस की संख्या को भी 32 से बढ़ाकर 54 कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश से 100 डॉक्टरों और 148 पैरा मेडिकल कर्मचारियों की टीमें हरिद्वार पहुंची हैं.
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उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओमप्रकाश का कहना है कि उत्तराखंड में हरिद्वार में ज्यादा संकट है क्योंकि यहां देश के कोने-कोने से लोग पहुंच रहे हैं इसलिए हरिद्वार के लोगों को जागरूक होने की जरूरत है हरिद्वार के ढाबे होटल रेस्टोरेंट धर्मशाला से संबंधित व्यापारियों को और कर्मचारियों को वैक्सीनेशन कराने की जरूरत है. ओमप्रकाश का कहना है की मुख्य स्नान पर बहुत ज्यादा भीड़ हो सकती है जिस को कंट्रोल करना भी पुलिस और शासन के लिए चुनौती होगा, लेकिन अन्य दिनों में भीड़ कंट्रोल आसानी से की जा सकती है.