15 जनवरी से शुरू हो रहे प्रयागराज कुंभ के दौरान हर स्थिति से निपटने की तैयारी कर ली गई है. पुलिस, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के समन्वय में ऐसा प्लान तैयार किया गया है, जिससे भगदड़ से लेकर केमिकल और न्यूक्लियर हमलों तक की स्थिति से निपटने में मदद मिल सकेगी. इसके लिए आर्मी, वायुसेना और एनडीआरएफ की मदद भी ली जा रही है.
किसी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए खुफिया एजेंसियां भी मेले के लिए इनपुट जुटा रही हैं. हालांकि मेले में किसी घटना के होने के बाद की तैयारियां भी योजनाबद्ध तरीके से की गई हैं. जहां एंबुलेंस के लिए ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया है, वहीं वाटर और एयर एम्बुलेंस की तैनाती भी की गई है.
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अस्पतालों को मुफ्त इलाज करने के निर्देश
निजी अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि वे मुख्य स्नान पर्वों पर मेला क्षेत्र से पहुंचने वाले मरीजों का मुफ्त इलाज करें. ऐसा ना करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. मेले में तीन सौ डाक्टरों की तैनाती होगी, इनमें से 171 डॉक्टर पहुंच भी गए हैं. साथ ही मेदांता अस्पताल के एक कार्डियोलॉजिस्ट और एक फिजिशियन पूरे मेले अपनी सेवाएं देंगे. अधिकारियों के मुताबिक, मेले में स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए 234 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे.
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इमर्जेंसी में मदद के लिए एयरफोर्स भी तैयार
आपदा प्रबंधन के नोडल ऑफिसर डॉ. ऋषि सहाय ने बताया कि मेले में भगदड़, नाव पलटने से लेकर विस्फोट, केमिकल और न्यूक्लियर हमलों तक की स्थिति से निपटने की तैयारी की गई है. आपदा के नजरिए से मेले को 36 क्षेत्रों में बांटा गया है और हर क्षेत्र में एक क्विक मेडिकल रेस्पॉन्स टीम तैनात रहेगी जो सिर्फ दो मिनट में स्पॉट पर पहुंचेगी. आपदा के नजरिए से प्रोटोकॉल भी तैयार किया गया है. 80 एम्बुलेंस, 4 रिवर एम्बुलेंस और एक एयर एम्बुलेंस भी तैनात रहेगी. इसके साथ ही एयर फोर्स की टीम भी आपदा की स्थिति में मदद के लिए तैयार रहेगी. एम्बुलेंस के लिए आपदा प्रबंधन टीम को आर्मी की मेडिकल कोर, विस्फोटक विशेषज्ञों और एनडीआरएफ से ट्रेनिंग दिलवाई गई है.
Source : News Nation Bureau