आज देशभर में नाग पंचमी का त्योहार मनाय जा रहा है. इस खास मौके पर आज हम आपको बताएंगे एक ऐसी खास जगह के बारे में जिसे नागलोक का द्वार कहा जाता है. दरअसल ये जगह मध्य प्रदेश के पचमंढ़ी में घनी पहाड़ियों के बीच स्थित है. इस देवस्थान को नागद्वार के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि नागद्वार तक पहुंचना काफी मुश्किल है क्योंकि यहां तक पहुंचने के लिए लोगों को 7 खतरनाक पहाड़ियों और घने जंगलों के बीच से गुजरना पड़ता है. यही वजह है कि अगर कोई श्रद्धालु ये यात्रा पूरी कर लेता है तो उसकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है.
श्रद्धालु साल में केवल एक बार ही नागद्वार की यात्रा और दर्शन कर सकते है. यहां हर साल नाग पंचमी पर मेला लगता है. इस मेले में हिस्सा लेने के लिए लोग कई किलोमीटर पैदल चलकर यहां पहुंचते है. बताया जाता है कि श्रद्धालु यहां नाग पंचमी के 10 दिन पहले से ही आना शुरू कर देते हैं. इनमें खास कर महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के श्रद्धालु शामिल होते हैं.
यहां स्वर्गद्वार भी स्थित है
नाग्द्वार के अंदर जाते ही आपको चिंतामंणी की कई गुफा मिलेंगी. ये गुफा 100 फीट लंबी है जिसमें नागों की कई मुर्तियां हैं. इस गुफा से आधी किलोमीटर की दूरी पर स्वर्ग द्वार है. यहां भी नागदेव की कई मुर्तियां है. वहीं मान्यता है कि नागद्वार में गोविंदगिरी पहाड़ी पर स्थित मुख्य गुफा में शिवलिंग में काजल लगाने से हर मनोकामनाएं पूरी होती है.
नागद्वार की यात्रा के लिए लोगों को 16 किलोमीटर पहाड़ी की पैदल यात्रा करनी पड़ती है. श्रद्धालुओं को पूरी यात्रा कर वापस लौटने में 2 दिन लग जाते हैं. नागदेव के दर्शन के लिए श्रद्धालु कई सालों से यहां आते हैं.