हिंदु धर्म में नाग पंचमी का काफी महत्व है. हर साल सावन महीने के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाले इस त्योहरा में नागों की पूजा की जाती है. इस साल नाग पंचमी 5 अगस्त को पड़ रही है. हालांकि पंचमी तिथि 4 अगस्त को रात 11.02 बजे ही लग जाएगी. हिंदू धर्म में नागों की पूजा की बात कही गई है. महादेव के साथ नाग की पूजा आदि काल से चली आ रही है. सावन के महीने में जलाभिषेक कर शिवजी को प्रसन्न करने के साथ-साथ नागों का भी विधि-विधान से पूजन करते हैं. वहीं नाग पंचमी के दिन भी नाग पूजन का विधान है.
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क्या है नाम पंचमी का शुभ मुहूर्त
नाग पंचमी आरंभ समय- 4 अगस्त रात 11.02 बजे
नाग पंचमी समाप्त समय- 5 अगस्त रात 8.40 बजे तक
इस साल बन रहा है खास संयोग
हिन्दू धर्म में नागों को पूजनीय माना गया है और इनका बहुत महत्व है. भक्त नागों को दूध इसलिए चढ़ाते है ताकि उनके परिवारों की बुरी नज़र से सुरक्षा हो. इसके साथ कुंडली में किसी भी प्रकार के दोष मिटाने के लिए भी सांपों को दूध चढ़ाया जाता है. मान्यता है कि नाग पूजन से कालसर्प दोष से होने वाली हानि से भी बचा जा सकता है. इस साल पड़ने वाली नाग पंचमी पर खास संयोग बन रहा है.
इस बार की नागपंचमी कई मायनों में बेहद ख़ास है. वजह है कि इस बार की नागपंचमी सोमवार के दिन सिद्धयोग में पड़ रही है. ऐसा अद्भुत योग कई सालों बाद आता है.दरअसल इस बार नाग पंचमी 5 अगस्त यानी सोमवार को सिद्धयोग में पड़ रही है. ऐसा खास योग कई समय बाद आता है.
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नाग पंचमी की पूजा विधि
नाग पंचमी के दिन व्रत करने वाले लोगों को गाय के गोबर से नागदेवता का चित्र उकेर कर उनकी पूजा करनी चाहिए. इसमें पांच फन वाले नाग देवता की पूजा करना काफी शुभ माना जाता है. नागदेवता की पूजा करते समय पंचोपचार या षोडशोपचार विधि अपनानी चाहिए. नाग पंचमी के दिन नागदेवता को दूध, लावा और खीर का प्रसाद चढ़ाना काफी शुभ माना जाता है.
Source : News Nation Bureau