हिंदु धर्म में एकादशी का काफी महत्व होता है. मान्यता है कि एकादशी का व्रत करने से सभी कष्ट दूर होते हैं और लोगों में सकारात्मकता आती है. अगर ये एकादशी सावन माह में हो तो इसका महत्व और भी बढ़ जाता है. इस बार 11 अगस्त को पुत्रदा एकदशी है. ये व्रत संतान की समस्याओं का निवारण करने के लिए किया जाता है. इस एकादशी के सावन माह में पड़ने से इसका महत्व कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से संतान से जुड़ी हर चिंता खत्म हो जाती है और संतान के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं.
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कैसे करें पुत्रदा एकादशी की पूजा
पुत्रदा एकादशी का व्रत निर्जल और फलहारी दोनों तरीके से रखा जा सकता है. इस दिन नारायण की उपासना करनी चाहिए. अगर ये पूजा पति-पत्नी दोनों एक साथ करें तो काफी अच्छा होता है. भगवान कृष्ण को पीले फल, पीले फूल, तुलसी दल और पंचामृत अर्पित करें. इसके बाद संतान गोपाल मन्त्र का जाप करें. मंत्र जाप के बाद पति पत्नी संयुक्त रूप से प्रसाद ग्रहण करें.
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संतान गोपाल मंत्र
ॐ क्लीं देवकी सुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते , देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहम शरणम् गता
ॐ क्लीं कृष्णाय नमः