हिंदू धर्म में रक्षाबंधन का काफी महत्व है. ये त्योहार हर साल सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है. ये भाई-बहन के अटूट रिश्ते का प्रतीक है. इस दिन बहनें अपने भाई को राखी बांधती है और वजन लेती है कि भाई उनकी जीवन भर रक्षा करेगा और उनका खयाल रखेगा. भले ही भाई-बहन आपस में कितना ही क्यों न नोक-झोंक करलें, लेकिन अगर किसी भी परेशानी दोनों एक दूसरे के लिए डट कर खड़े हो जाते हैं, बस रक्षाबंधन भाई-बहन के इसी प्रेम को दर्शाता है.
राखी बांधने का शुभ मुहूर्त
इस साल राखी कल यानी 15 अगस्त को पड़ रही है. इस साल राखी बांधने का शुभ मुहूर्त करीब 9 घंटे 46 मिनट तक रहेगा जो 15 अगस्त को सुबह 10.22 बजे शुरू होकर रात 8.08 पर खत्म होगा. इस साल राखी का दिन सौभाग्यशाली है क्योंकि इस दिन न तो भद्र काल है और न ही कोई ग्रहण.
यह भी पढ़ें: भाई की खुशहाली और लंबी आयु के लिए चुने उसके राशि के अनुसार राखी, देखें यहां रंग और राशि का तालमेल
पूर्णिमा तिथि का शुभ मुहूर्त
इसी के साथ पूर्णिमा तिथि 14 अगस्त 2019 को रात 9.15 बजे शुरू हो जाएगी और 15 अगस्त 2019 को रात 11.29 तक रहेगी.
यह भी पढ़ें: शिवलिंग पर खुदवा दिया ‘लाइलाह इलाल्लाह मोहम्मद उर रसूलल्लाह‘
रक्षाबंधन का इतिहास
भारत में रक्षाबंधन का इतिहास सैकड़ों वर्ष पुराना है. राखी से जुड़ी एक नहीं बल्कि कई कहानियां हैं और ये सभी अपने आप में काफी विविध हैं. रक्षाबंधन मुख्य तौर पर हिन्दुओं का त्योहार माना जाता है, जो श्रावण माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है. हालांकि रक्षाबंधन के इतिहास में मुस्लिम से लेकर वो लोग भी शामिल हैं जो सगे भाई-बहन नहीं थे. रक्षाबंधन का इतिहास
राजपूत जब लड़ाई पर जाते थे तब महिलाएं उनको माथे पर कुमकुम तिलक लगाने के साथ साथ हाथ में रेशमी धागा भी बांधती थी, इस विश्वास के साथ कि यह धागा उन्हे विजयश्री के साथ वापस ले आयेगा. राखी के साथ एक और प्रसिद्ध कहानी जुड़ी हुई है. कहते हैं, मेवाड़ की रानी कर्मावती को बहादुरशाह द्वारा मेवाड़ पर हमला करने की पूर्व सूचना मिली. रानी लड़ने में असमर्थ थी अत: उसने मुगल बादशाह हुमायूं को राखी भेज कर रक्षा की याचना की. हुमायूं ने मुसलमान होते हुए भी राखी की लाज रखी और मेवाड़ पहुंच कर बहादुरशाह के विरुद्ध मेवाड़ की ओर से लड़ते हुए कर्मावती व उसके राज्य की रक्षा की.
Source : News Nation Bureau