कुंभ नगर में इन दिनों हर तरह के साधक आए हुए हैं. जो यंत्र-मंत्र और तंत्र हर विधि से सिद्धियों और जन कल्याण के लिये प्रयोग कर रहे हैं ऐसा ही नजारा बीती रात रसूलाबाद शमशान घाट पर देखने को मिला जहां जलती चिता पर अघोर शिव का आवाहन किया गया. तंत्र साधकों ने दावा किया कि उन्होंने पंचमकार क्रिया के बाद 24 हज़ार योगनियों को जगाया और अघोर शिव का आवाहन किया गया. देर रात शुरू हुई पूजा सुबह तक चलती रही और चिता की अग्नि को बुझने नहीं दिया गया. तंत्र साधकों की ये अनूठी साधना कुंभ मेला सकुशल सम्पन्न होने और यहां आने वाले भक्तों की समस्त मनोकामना पूर्ण होने के लिए की गई.
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तंत्र साधकों की सबसे कठिन साधना में एक अघोर शिव का आवाहन जूना अखाड़े के जगतगुरु पंचानन गिरी की अगुवाई में किया गया. अघोर शिव के आवाहन से पहले शमशान भैरव और भूतनाथ क्षेत्रपाल का आवाहन किया गया. शमशान की रक्षा करने वाली 24 हज़ार योगनियों को रक्त और मदिरा चढ़ाई गई. जिसके बाद विधिवत पूजा आरंभ हुई, जगतगुरु पंचानन गिरी ने दावा किया कि इस साधना में पंचमकार क्रिया अनिवार्य होती है. इसमें मदिरा मांस बलि समेत पांच क्रियाओं का प्रयोग होता है लेकिन वे इनमें से किसी क्रिया का प्रयोग नही करते. वे पंचमकार के लिए वैकल्पिक विधि का प्रयोग करते हैं.
किसी बेजुबान जानवर की बलि की जगह वे स्वयं अपने शरीर का रक्त पूजा में प्रयोग करते हैं, मांस की जगह जटामासी का प्रयोग करते हैं. वे स्वयं का हाथ काटकर एक कटोरी रक्त निकलते हैं और पूजा में मौजूद सभी लोगों का रक्त तिलक कर बाकी जलती चिता को अर्पित कर देते हैं. उन्होंने बताया कि पूजा कुंभ मेले के सकुशल सम्पन्न होने के लिए की गई, वसंत पंचमी तक ऐसी 3 पूजा और कि जाएगी. उन्होंने दावा किया कि इस पूजा से शमशान भैरव और मां काली की कृपा बनी रहेगी.
VIDEO : देखें कुंभ के दौरान तंत्र साधकों ने कैसे की तंत्र साधना
Source : Manvendra Singh