एक बार फिर से चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) लगने जा रहा है. इस साल का यह दूसरा चंद्र ग्रहण होगा जो 5 से 6 जून की रात में लगेगा. हालांकि यह भारत में दिखाई नहीं देने वाला है. इस बार चंद्रग्रहण को एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अमेरिका और ईस्ट अमेरिका में देखा जा सकता है. इसके अलावा पैसेफिक अंटार्कटिका में भी चंद्र ग्रहण दिखाई देगा.
5 जून को लगने वाला ग्रहण एक उपच्छाया चंद्रग्रहण होगा. यह 5 जून की रात 11.15 बजे शुरू होगा और 6 जून को रात 2.34 बजे तक रहेगा. 6 जून रात 12:54 बजे यह अधिकतम होगा. इस बार ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 18 मिनट होगी.
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चंद्र ग्रहण भारत में नहीं देगा दिखाई
ज्योतिषियों की मानें तो चंद्र ग्रहण इस बार भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इसका प्रभाव यहां नहीं पड़ेगा. इस बार का चंद्र ग्रहण उपच्छाया है. उपच्छाया चंद्रग्रहण उस समय लगता है, जब पृथ्वी की परिक्रमा कर रहा चंद्रमा ‘पेनुम्ब्रा' (धरती की परछाई का हल्का भाग) से होकर गुजरता है. इसलिए इस चंद्रग्रहण को साफ तौर पर नहीं देखा जा सकता है.
सूर्य ग्रहण 21 जून को लगने वाला है
वहीं 21 जून को सूर्य ग्रहण भी लगने वाला है. सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई देगा. इसलिए इसका प्रभाव भारत में पड़ेगा. 21 जून को पड़ने वाले सूर्य ग्रहण के समय 6 ग्रह वक्री होंगे. कई दशक बाद ऐसा संयोग बन रहा है जब एक साथ छह ग्रह सूर्य ग्रहण पर वक्री होंगे. सूर्य ग्रहण 21 जून की सुबह 9.15 बजे से शुरू होकर दोपहर 3 .03 बजे तक होगा. भारत में यह दिखाई देगा.
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भारत के लिए नहीं शुभ है सूर्य ग्रहण
हालांकि ज्योतिष मान रहे हैं कि सूर्य ग्रहण भारत के लिए शुभ नहीं होगा. सूर्य ग्रहण लगने से भारत में जो प्रभाव पड़ेगा वो अर्थव्यवस्था और कोरोना संबंधित होंगे. अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का सरकार का प्रयास बाधित होगा. कोरोना से बड़ी संख्या में लोग पीड़ित हो सकते हैं जिससे सरकार को नई रणनीति तैयार करनी होगा.
Source : News Nation Bureau