हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि (Mahashivratri 2021) का पर्व काफी महत्व है. शिव भक्तों के लिए ये दिन बहुत ही विशेष होता है. भगवान शिव (Lord Shiva) को प्रसन्न करने के लिए भक्त इस दिन विशेष पूजा करते हैं और व्रत भी रखते हैं. इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती हैं. फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का व्रत किया जाता है. इस बार यह व्रत 11 मार्च को पड़ रहा है. महाशिवरात्रि व्रत के दिन भारत देश में अलग-अलग जगहों पर स्थित बारह ज्योतिर्लिंगों की पूजा का भी विशेष विधान है. कहते हैं महाशिवरात्रि के दिन जो व्यक्ति बेल के पत्तों से शिव जी की पूजा करता है और रात के समय जागकर भगवान के मंत्रों का जप करता है, उसे भगवान शिव आनंद और मोक्ष प्रदान करते हैं. साथ ही महाशिवरात्रि के दिन विशिष्ट सिद्धियों की प्राप्ति के लिये बहुत से लोग महानिशीथ काल में भगवान शिव की पूजा करने के इच्छुक होते हैं. वहीं विष्णु पुराण में कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताया गया है जिन्हें भगवान को चढ़ाने से वह जल्द प्रसन्न हो जाते हैं.
महादेव को अर्पित करें ये चीजें
शमी के पत्ते
कहते हैं कि भगवान शिव को शमी की पत्तियां बहुत प्रिय हैं. ऐसे में महाशिवरात्रि के दिन भगवान को अर्पित करने से वह प्रसन्न होते हैं. इसके साथ ही हर कष्ट से छुटकारा मिलता है. साथ ही शनि के प्रकोप से भी बच सकते हैं. माना जाता है कि तांबे के लोटे में पानी लेकर काले तिल मिलाएं और शिवलिंग पर चढ़ाएं. ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें. इससे शनि के दोष दूर हो जाते हैं.
अपामार्ग के पत्ते
भगवान शिव को अपामार्ग के पत्ते चढ़ाने से सुख-समृद्धि के साथ संतान की प्राप्ति होती हैं. इसके साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है.
पीपल के पत्ते
पीपल के पत्तों को विकल्प के तौर पर चुन सकते हैं. अगर आपको कहीं भी बेलपत्र नहीं मिल रही हैं, तो आप पीपल के पत्ते चढ़ा सकते हैं. ये भी महादेव को अति प्रिय है.
धतूरा
भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए धतूरा का इस्तेमाल जरूर किया जाता है. धतूरे के साथ ही आक को चढ़ाने का प्रचलन है.
भांग
भगवान शिव को भांग भी काफी प्रिय है. इसको लेकर पुराणों में कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान महादेव से गले में विष धारण कर लिया था. यह विष इतना ज्यादा गर्म था कि भगवान शिव को गर्मी लगने लगी, जिसके उपरांत भगवान शिव ने भांग का सेवन किया. चूंकि भांग की तासीर ठंडी होती है. इस दिन कुछ भक्त ठंडाई का भी सेवन करते हैं, जिसमें भांग की मात्रा होती है.
दूर्वा
पुराणों के अनुसार दुर्वा में अमृत का वास माना जाता है. इसलिए शिवलिंग में दुर्वा घास जरूर चढ़ाना चाहिए. इससे भगवान प्रसन्न होकर लंबी आयु का भी वरदान देते हैं. वैसे भी हिंदू सनातन पूजा पद्धित में दुर्वा का अपना अलग विशिष्ट स्थान है.
HIGHLIGHTS
- फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का व्रत
- महाशिवरात्रि पर 12 ज्योतिर्लिंगों की पूजा का भी विशेष विधान
- कुछ भक्त ठंडाई का भी सेवन करते हैं, जिसमें भांग होती है