Pitru Paksha 2023: गया से लेकर वाराणसी तक देश के इन तीर्थ स्थलों पर करें पिंडदान, पितरों को मिलेगी मुक्ति

Pitru Paksha 2023: देश में कुछ ऐसे तीर्थ स्थल मौजूद हैं जहां पर पितरों का श्राद्ध करने से बेहद पुण्य मिलता है साथ ही उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है. तो चलिए जानते हैं इन तीर्थ स्थलों के बारे में.

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Sushma Pandey
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Pitru Paksha 2023

Pitru Paksha 2023( Photo Credit : News Nation)

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Pitru Paksha 2023: पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि से पितृपक्ष की शुरुआत होती है और आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर समाप्त होता है.  इस वर्ष पितृ पक्ष की शुरुआत आज यानि 29 सितंबर से हो रही है और 14 अक्टूबर 2023 को समाप्त होगी. सनातन धर्म में इसका बहुत महत्व होता है. इस दौरान पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध और पिंडदान किया जाता है. यूं तो पिंडदान देश की कई जगहों पर किया जाता है. लेकिन देश में कुछ ऐसे तीर्थ स्थल भी मौजूद हैं जहां पर पितरों का श्राद्ध बेहद शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इन जगहों पर पिंडदान करने से बेहद पुण्य मिलता है और पितरों की आत्मा को भी शांति मिलती है. आइए जानते हैं इन तीर्थ स्थलों के बारे में जहां आप पितृपक्ष के दौरान अपने पितरों का पिंडदान कर सकते हैं.

इन जगहों पर करें पितरों को पिंड दान

1. बोधगया (Bodh Gaya, Bihar)

बिहार में स्थित बोधगया पिंड दान के लिए काफी प्रसिद्ध और पवित्र है. ऐसा कहा जाता है कि बोध गया का वर्णन रामायण और महाभारत में गयापुरी के रूप में किया गया है. पिंडदान के लिए गया में 20 से भी अधिक जगह हैं. लगभग अधिकतर लोग यहां आकर पिंड दान करते हैं. 

2. वाराणसी (Varanasi)

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वाराणसी में पूरी विधि-विधान के साथ पिंडदान करने से पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है. अगर आप यहां पिंडदान के लिए जा रहे हैं तो यहां आने के बाद बाबा विश्वनाथ का
दर्शन भी जरूर करें. 

3. हरिद्वार (Haridwar)

देश के सबसे बड़े तीर्थ स्थलों में से एक हरिद्वार में गंगा किनारे पितरों का पिंडदान किया जाता है. यहां पर पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. 

4. त्रिवेणी संगम, प्रयागराज (Triveni Sangam, Prayagraj)

जिस प्रकार उत्तर प्रदेश में स्थित हरिद्वार और वाराणसी अपने पिंडदान के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध हैं, उसी प्रकार प्रयागराज में स्थित त्रिवेणी संगम भी पिंडदान के लिए बहुत ही पवित्र स्थान माना जाता है.  भारत की तीन सबसे पवित्र नदियां - गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम को त्रिवेणी संगम के रूप में जाना जाता है. 

5. मथुरा (Mathura)

भगवान श्री कृष्ण की नगरी मथुरा यमुना नदी के तट पर स्थित है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, जो कोई भी मथुरा में यमुना नदी के तट पर अपने पूर्वजों के लिए पिंडदान करने आता है उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.

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Source : News Nation Bureau

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